दिसंबर 2024 में जैक्सन ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के एक लंबे थ्रेड के जरिए इस पूरी उपलब्धि की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि उन्होंने 11 साल की उम्र में टेलर विल्सन का TED Talk देखा, जिसमें विल्सन ने 14 साल की उम्र में कंट्रोल्ड न्यूक्लियर फ्यूजन हासिल करने की बात कही थी। इसी से प्रेरित होकर जैक्सन ने भी खुद एक फ्यूजन रिएक्टर बनाने का फैसला किया।
इसके बाद उन्होंने फ्यूजन तकनीक और न्यूक्लियर साइंस पर गहराई से रिसर्च शुरू की। शुरुआत में उन्होंने एक “डेमो फ्यूसर” बनाया, लेकिन वह पूरी तरह से कामयाब नहीं था। उन्होंने महसूस किया कि यह सेटअप अगर कुछ मिनट से ज्यादा चलता तो उसका मेन ग्रिड पिघलकर खराब हो सकता था। इसलिए, उन्होंने अपनी पूरी योजना दोबारा बनाई।
जैक्सन ने अपने प्रोजेक्ट के लिए eBay से कई जरूरी उपकरण खरीदे, जिनमें टर्बोमॉलिक्यूलर पंप और ड्यूटेरियम गैस भी शामिल थी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए उनके माता-पिता ने आर्थिक रूप से सहायता दी। उन्होंने रिएक्टर का वैक्यूम चेंबर फिर से डिजाइन किया और आंतरिक ग्रिड को टैंटलम मेटल से बनाया, ताकि यह ज्यादा तापमान सह सके।
At 12 years old, I built a working nuclear fusion reactor in my bedroom.
I got a Guinness world record… and the FBI showed up to my house.
here’s the story 🧵 pic.twitter.com/I9lFf5S9U4
— Jackson Oswalt (@JacksonOswalt) December 19, 2024
लगभग एक साल की मेहनत के बाद, जैक्सन ने अपने 13वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले फ्यूजन रिएक्टर को सफलतापूर्वक चालू किया। जब उन्होंने न्यूट्रॉन एमिशन (Neutron Emission) को डिटेक्ट किया, तो उन्हें यकीन हो गया कि उनका रिएक्टर सही तरीके से काम कर रहा है।
उनकी इस उपलब्धि को Fusor.net और न्यूक्लियर फ्यूजन एक्सपर्ट रिचर्ड हुल ने भी वैरिफाई किया। इसके बाद उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया।
हालांकि, क्योंकि यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं थी, इसलिए जब जैक्सन की यह उपलब्धि मीडिया में वायरल हुई, तो इसपर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का भी ध्यान गया। एक शनिवार सुबह FBI एजेंट्स जैक्सन के घर पहुंच गए। उन्होंने गीगर काउंटर से पूरे घर की रेडिएशन जांच की, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके बनाए गए रिएक्टर से कोई खतरा तो नहीं है।
जांच पूरी होने के बाद, FBI एजेंट्स ने जैक्सन के रिएक्टर से कोई रेडिएशन रिसाव नहीं होने की पुष्टि की और उन्हें आगे अपने वैज्ञानिक प्रयोग जारी रखने की अनुमति भी दी गई। इस पूरी घटना को लेकर जैक्सन ने मजाक में कहा, “शुक्र है कि मैं जेल नहीं गया!”
जैक्सन की इस उपलब्धि के बाद, उन्हें अमेरिका के कई वैज्ञानिक संस्थानों और स्टार्टअप्स में विजिट करने का मौका मिला। उन्होंने वहां अपने अनुभव शेयर किए और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के बारे में और अधिक सीखा। उनकी यह सफलता साबित करती है कि अगर जुनून और सही मार्गदर्शन हो, तो कोई भी व्यक्ति असंभव को संभव बना सकता है। जैक्सन अब और भी एडवांस रिसर्च करने की योजना बना रहे हैं।