JINDAGI KE BARE ME HINDI KAVITA -जिन्दगी बारे में कविता

 

jindgi kya he? what is life the best hindi poem about life 


दोस्तो मुझ आज एक कागज पर जिन्दगी के बारे में बताते हुये एक कविता मिल हो सकता हो आपने भी पढ़ हो मुझे यह नही पता कि यह किसने लिखी है पर कविता को पढ़ने पर में कविता में खो गया। 


jindagi ke bare me kavita
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‘‘बड़ी अजीब सी है जीन्दगी,
जो चाहा कभी पाया नहीं,
जो पाया कभी सोचा नही,
और जो सोचा कभी मिला नही,
और जो मीला रास आया नही,
जो खोया हुआ वो याद आता है,
और जो पाया सम्भाला नही जाता है।‘‘


‘‘क्यों अजीब सी है जिन्दगी,
कोई सुलझा पाता नही,
जीवन में कभी समझौता करना पड़े,
तो कोई बड़ी बात नही,
क्योंकि झुकता वही हैं,
जिसमे जान होती है।‘‘


‘‘जिन्दगी जिने के दो तरीके होते है,
पहला- जो पसन्द आये,
उसे हासील करना सीखों,
और दूसरा जो हासिल है,
उसे पसन्द करना सीखो।‘‘


जिन्दगी जीना आसान नही होता,
बिना संघर्ष के कोई महान नही होता,
जब तक ना पड़े हथौड़ी की नोक,
पत्थर भी भगवान नही होता।‘‘


‘‘जिन्दगी बहुत कुछ सिखाती है,
कभी हॅसाती है कभी रूलाती है,
पर जो हर हाल में खुश रहता है,
जिन्दगी उसी के आगे सर झुकाती है।‘‘


‘‘चेहरे की हॅसी से, हर गम छुपाना,
बहुत कुछ बोलना पर कुछ न छुपाना,
ख्ुद न रूठो पर सब को मनाना।‘‘


’’एक राज है जिन्दगी बस जीते चले जाओ,
बस जीते चले जाओ-जीते चले जाओ।‘‘


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