MAHANTA MOTIVATIONAL HINDI STORY महानता हिंदी कहानी

 महानता - motivational kahani 



एक महान विद्वान् से मिलने के लिए एक दिन रामपुर  के राजा आये | राजा ने विद्वान् से पूछा , ** क्या इस दुनिया में एशा कोई व्यक्ति हे जो बहुत महान हो लेकिन उसे दुनिया वाले नही जानते ?

विद्वान् ने रजा से विनम्र भाव से मुस्कराते हुए कहा *हम दुनिया में ज्यादतर महान लोगो को नही जानते हे

दुनिया में ऐसे कई लोग हे जो महान लोगो से भी कई गुना महान हे | राजा ने कहा, “ऐसे केसे संभव हे|” विद्वान् ने कहा में आपको ऐसे कई व्यक्तियो से मिलवाता हु | इतना कहकर विद्वान् राजा को लेकर एक गाव की और लेकर चल पड़े| रास्त में कुछ दूर पश्च्यात पेड़ के निचे एक बुढा आदमी मिला | बुजुर्ग के पास एक पानी का घडा और डबल रोटी थी | विद्वान और राजा ने उससे मंगाकर डबल रोटी खाई और पानी पिया |

जब राजा उस बुजुर्ग आदमी को डबल रोटी के दाम देने लगे तो वह बोला “महोदय, में कोई दुकानदार नही हु | में बस वही कर रहा जो इस उम्र में करना चाहिए | मेरे बेटे का डबल रोटी का व्यापार हे, मेरा घर में मन नही लगता इसलिए राहगीरों को ठंडा पानी पिलाने और डबल रोटी खिलाने आ जाया करता हु | इससे मुझे बहुत खुशी मिलती हे |

विद्वान् ने राजा को इशारा देते हुय कहा की .....देखो राजन इस बुजुर्ग आदमी की इतनी अच्छी सोच ही इसे महान बनती हे

फिर इतना कहकर दोनों ने गाव में प्रवेश किया तब एक स्कूल नजर आया | स्कूल में उन्होने एक शिक्षक से मुलाकात की और राजा ने उससे पूछा की आप इतने विद्यार्थी को पढ़ाते हे तो आपको कितना वेतन मिलता हे |

उस शिक्षक ने राजा से कहा की महाराजा में वेतन के लिए नही पढ़ा रहा हु,

यहाँ कोई शिक्षक नही थे और विद्यार्थी का भविष्य दाव पर था इस कारण में उनेह मुफ्त में शिक्षा देने आ रहा हु |

विद्वान् ने राजा से कहा की महाराज दुसरो के लिए जीने वाला भी बहुत ही महान होता हे | और ऐसे कई हे जिनकी एसी महान सोच ही उन्हें महान से भी बड़ा महान बनती हे | इसलिए राजन अच्छी सोच आदमी का किस्मत निर्धारित करती हे |

इसलिय दोस्तों हमेशा अच्छी बाते ही सोचकर कार्य करे और महान बने | दोस्तों आदमी बड़ी बातो से नही बल्कि अच्छी सोच व् अच्छे कर्मो से महान माना जाता हे

MORAL OF THE STORY 

 “जीवन में कुछ पाने के लिए और सफलता हासिल करने के लिए बड़ी बातो को ज्यादा महत्व देने के बजाय अच्छी सोच को ज्यादा महत्व देना चाहिय क्योकि अच्छी सोच ही आपके कार्य को निर्धारित करती हे “


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