गोबर का टोपलाकवि लौटा गाव की ओर kavi lota gawa ki or best poem in hindi
सुंदर कविता हिंदी में
न जाने आ गई
यह कौन-सी बला,
जिंदगी के बोझ से
भला था वो
गोबर का टोपला,
इसी कश्मकश में
आज मैंने
रजाई को बेच कर
गोदड़ी खरीद ली,
दुनिया को जलाने के लिए
मिर्च दो धड़ी खरीद ली,
पलंग को बेच कर
खाट खरीद लाया,
डायनिंग टेबल बेच कर
पाट खरीद लाया,
प्लाॅट बेच दिए शहर के
खेत खरीद लिया गाँव में,
अब चैन मिल रहा है मुझे
नीम की छाँव में,
लो आ गया फिर मैं
जिस गाँव में पला,
आ गया फिर हाथ में
गोबर का टोपला ।
राम शर्मा परिंदा
मनावर जिला धार मप्र
31/03/2021
सृष्टि life cycal of nature best poem in hindi
0 टिप्पणियाँ
आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेट बाक्स में जरूर बतावे तथा किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा चाहूॅगा यदि आपको उक्त जानकारी में समस्या हो तो कमेट बाक्स मे कमेट जरूर करे
plz do not enter any spam link in the comment box