सच्ची कहानी - "अपना दृढ़ विश्वास"
कक्षा 10 वी बोर्ड का परिणाम
एक समय की बात है जब मैं अपनी दसवीं बोर्ड की परीक्षा दी परीक्षा के बाद अब आया वह दिन जब आने वाला था मेरा दसवीं बोर्ड का परिणाम! मुझे परीक्षा के बाद से ही इस दिन का इंतजार तो था इसलिए सुबह से मैं एक प्रकार डर, खुशी और उत्सुकता में थी। शाम का समय हुआ इंटरनेट, टीवी पर पता चला परिणाम घोषित होने वाला है इंटरनेट खोलते ही मैंने देखा कि मैं एक विषय में फेल हो गई हूं, फिर क्या था ।
मेरे पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी। दिल दिमाग या मानने के लिए तैयार नहीं था और आंखों से आंसू रुकने को तैयार नहीं थे। कि मुझे "दृढ़ विश्वास" था मैंने अपनी परीक्षा में बहुत ही अच्छे से और सही लिखा है। उधर मां और पिताजी मुझे सांत्वना दे रहे थे कि बेटा कोई बात नहीं और मेहनत करना परंतु मैं यह मानने को तैयार नहीं थी, क्योंकि मुझे दृढ़ विश्वास था कि इस परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो जाऊंगी और यह भी विश्वास था कुछ तो कुछ तो गलत हुआ है। कुछ देर बाद मेरे प्राचार्य का फोन आता है, वह कहते हैं कि बेटा आपके परिणाम में बोर्ड से गलती हुई है।
आपके साथ आपके कक्षा में बहुत सारे बच्चों का परिणाम गलत आया है। यह सुनते ही मुझे पूरी तरह से तो नहीं परंतु थोड़ी सी शांति हुई। ओर फिर प्राचार्य महोदय के कहे अनुसार रीचैकिंग का फॉर्म भरा और रीचैकिंग में मेरा दृढ़ विश्वास सही साबित हुआ । कुछ परेशानियों से लड़ते हुए मेरी परीक्षा परिणाम की मार्कशीट बिना किसी गलती के मेरे पास आई।
Moral of the story -
मेरा दृढ़ विश्वास ही था जिसने मुझे बांधे रखा और परेशानियों से लड़ने की शक्ति दे क्योंकि मुझे पता था इन परेशानी से लड़ने के बाद मेरा परिणाम अच्छा ही आने वाला है तो यह था मेरा "दृढ़ विश्वास"
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