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Infosys Gets Big Jolt, Revenue declines 11 Percent, TCS, Microsoft

Infosys Gets Big Jolt, Revenue declines 11 Percent, TCS, Microsoft


बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Infosys का पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में प्रॉफिट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 11.75 प्रतिशत घटा है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए कंपनी के रेवेन्यू में ग्रोथ के अनुमान से भी इस सेक्टर में कॉम्पिटिशन बढ़ने का संकेत मिल रहा है। इंफोसिस ने रेवेन्यू में तीन प्रतिशत तक की ग्रोथ का अनुमान दिया है। हालांकि, कंपनी के मार्जिन गाइडेंस का अनुमान 20-22 प्रतिशत पर बरकरार है। 

पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में इंफोसिस ने लगभग 7,033 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया है। पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान अवधि की तुलना में यह लगभग 11.75 प्रतिशत की गिरावट है। कंपनी का चौथी तिमाही में रेवेन्यू वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 7.92 प्रतिशत बढ़कर 40,925 करोड़ रुपये का रहा है। पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान अवधि में यह आंकड़ा 37,923 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने बताया है कि Mitsubishi Heavy Industries (MHI) ने इंफोसिस की अगुवाई वाले ज्वाइंट वेंचर HIPUS में इनवेस्टमेंट किया है। इससे कंपनी की जापान में मौजूदगी बढ़ी है। 

इंफोसिस BPM के CEO, Anantha Radhakrishnan ने बताया, “कंपनी के लिए जापान एक स्ट्रैटेजिक मार्केट है। MHI के साथ कोलेबोरेशन से जापान में कस्टमर्स के साथ कंपनी का विश्वसनीय गठबंधन मजबूत हुआ है।” कंपनी ने कहा है कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में वह 20,000 से अधिक फ्रेशर्स की हायरिंग कर सकती है। कंपनी के वर्कर्स की सैलरी में बढ़ोतरी इस महीने की जाएगी। 

हाल ही में इंफोसिस में सैंकड़ों फ्रेशर्स की छंटनी की गई थी। इस छंटनी के खिलाफ IT वर्कर्स की यूनियन ने केंद्र सरकार से शिकायत की थी। इससे पहले कर्नाटक के लेबर मिनिस्ट्री ने इस मामले की शुरुआती जांच के बाद कहा था कि इंफोसिस ने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) ने इंफोसिस में फ्रेशर्स की छंटनी पर मिनिस्टर ऑफ एजुकेशन, धर्मेन्द्र प्रधान और मिनिस्टर ऑफ स्किल डिवेलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप, जयंत चौधरी से शिकायत की थी। NITES ने आरोप लगाया था कि इंफोसिस ने नए ग्रेजुएट्स को पिछले वर्ष अक्टूबर में नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) के तहत जॉइन कराया था। इन वर्कर्स के साथ कानूनी तौर पर बाध्य अप्रेंटिसशिप कॉन्ट्रैक्ट किए गए थे। हालांकि, इंफोसिस ने अप्रेंटिसशिप एक्ट का उल्लंघन कर इन फ्रेशर्स को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना हटा दिया है। 
 

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