‘I was shocked when I got the offer to direct Housefull-5’ | ‘हाउसफुल-5 डायरेक्ट करने का ऑफर मिला तो शॉक्ड था’: तरुण मनसुखानी बोले- लोगों के करियर में उतने स्टार्स नहीं, जितने मेरी फिल्म में हैं

‘I was shocked when I got the offer to direct Housefull-5’ | ‘हाउसफुल-5 डायरेक्ट करने का ऑफर मिला तो शॉक्ड था’: तरुण मनसुखानी बोले- लोगों के करियर में उतने स्टार्स नहीं, जितने मेरी फिल्म में हैं


44 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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हाउसफुल फ्रेंचाइजी की फिल्म हाउसफुल-5 को ऑडियंस का खूब प्यार मिल रहा है। पर्दे पर इतनी लंबी-चौड़ी स्टार कास्ट, कॉमेडी के साथ मर्डर मिस्ट्री का डोज देने के पीछे प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला और डायरेक्टर तरुण मनसुखानी का हाथ है। तरुण लंबे गैप के बाद डायरेक्शन में आए हैं और ऑडियंस को एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म दी है। तरुण ने दैनिक भास्कर के साथ ‘हाउसफुल-5’ मिलने से लेकर बनने तक का एक्सपीरियंस शेयर किया है।

‘हाउसफुल-5’ आपके पास कैसे आई?

कोविड खत्म होने के बाद मुझे एक दिन नाडियाडवाला ग्रैंडसन की सीईओ दीप्ति जिंदल का कॉल आया। उन्होंने बोला कि वो मुझसे मिलना चाहती हैं। हम कॉफी पर मिले, वहां उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आप ‘हाउसफुल-5’ डायरेक्ट करें। मैं थोड़ा शॉक्ड हुआ। अचानक इतनी बड़ी फ्रैंचाइजी मुझे ऑफर कर रहे हैं। मैंने उनको पूछा कि आप श्योर हैं? उन्होंने कहा हां। आप ऑफिस आकर साजिद सर से मिलिए। मैं साजिद से मिलने गया, वहां उन्होंने मुझसे कहा कि आप इस फिल्म को कैसे देखते हैं, दो पेज में लिखकर दीजिए।

मैं घर गया और सिर्फ तीन-चार घंटे में दो पेज लिखकर, उन्हें भेज दिया। उन्होंने वो मेल पढ़ा, हमें अगले दिन फिर मिले। साजिद ने मुझसे कहा कि हमें एक ही डायरेक्शन में सोच रहे हैं। साथ काम करते हैं। मैंने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी फ्रेंचाइजी मुझे मिलेगी। इतनी बड़ी कास्ट और सपोर्टिव प्रोड्यूसर मिलेगा। उन्होंने अपने 57वें बर्थडे पर मुझे इंडिया के सबसे बड़े कॉमेडी फ्रेंचाइजी का जिम्मा मुझे देंगे। ये पहली फ्रेंचाइजी है, जिसकी पांचवी फिल्म आई है।

‘हाउसफुल’ फ्रेंचाइजी अपनी कॉमेडी के लिए जानी जाती है। कॉमेडी के साथ मर्डर मिस्ट्री का आइडिया कैसे आया?

ये पूरा आइडिया साजिद सर का था। ये पूरी कहानी उनके पास पहले से ही थी कि फिल्म में तीन जॉली हैं, वो आते हैं और फिर एक मर्डर होता है। मेरे फिल्म साइन करने के बाद उन्होंने मुझे बिठाया और बताया कि इस फिल्म का दो क्लाईमैक्स होगा। जो उन्होंने तीस साल पहले से सोच रखा है। मुझे उनका क्लाईमैक्स वाला आइडिया माइंड ब्लोइंग लगा। मैं कॉमेडी-मर्डर मिस्ट्री की वजह से पहले से ही एक्साइटेड था। दो अलग जॉनर को मिलाकर एक फिल्म बनानी थी। मैंने कभी मर्डर मिस्ट्री पर काम नहीं किया है, तो मेरे पास कोई जानकारी नहीं थी। पूरा प्रोसेस सोचकर ही मैं काफी उत्साहित था।

आपने पहले भी लंबी स्टारकास्ट के साथ काम किया है। लेकिन इस फिल्म में 19 स्टार्स हैं। इतनी बड़ी कास्ट को कैसे हैंडल किया?

मुझे नहीं लगता कि कभी किसी डायरेक्टर ने सोचा होगा कि वो एक फिल्म में 19 बड़े स्टार्स को एक साथ हैंडल करेंगे। लोगों के करियर में इतने स्टार्स नहीं होते, जितनी मेरी एक फिल्म में हैं। इसका सारा क्रेडिट साजिद सर को जाता था। अगर मैं कुछ भी सोचता था, वो उसे पूरा कर देते थे। एक फोन उठाते थे और सामने वाले को कहते थे कि मैं तरुण को भेज रहा हूं, ये ‘हाउसफुल 5’ के लिए मिलना चाहता है। सामने वाला इंसान हाउसफुल का नाम सुनकर ही हां बोल देता था। साजिद उनसे कहते थे, अरे रोल तो सुन लो। सामने से जवाब आता कि आप इसमें हैं और हाउसफुल फ्रेंचाइजी है, इतना काफी है। इस फिल्म को हर किसी ने सिर्फ प्यार दिया है।

इस फिल्म में संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, नाना पाटेकर जैसे दिग्गज एक्टर्स को जोड़ने का आइडिया किसका था?

पहले से कहानी में सिर्फ 6 ही लोग थे, जो फ्रेंचाइजी के पुरानी फिल्मों में भी थे। फिल्म में बाकी के किरदार सबसे धीरे-धीरे लिखने के बाद जुड़ते गए। जब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के किरदार की बात आई तो सर ने फरदीन का नाम सजेस्ट किया। मैंने ये नाम सोचा भी नहीं था। वैसे ही बेबी के रोल के लिए डिनो मोरिया का नाम उन्होंने बताया। ये दोनों काफी अच्छे थे। बाबा-बीड़ू का रोल जब लिखा, तब लगा कि अब इसमें कौन आएगा। सर ने कहा संजय और जैकी को ले लेते हैं। ये सुनकर मेरा पहला रिएक्शन था, हम इतना बड़ा सोच रहे हैं।

मुझे लगा था कि कोई नए चेहरे होंगे लेकिन संजय-जैकी से बात हुई और वो दोनों तैयार हो गए। इसी तरह जब सीरियस कॉप की बात आई तो साजिद सर ने नाना पाटेकर का नाम लिया। मैं नाना सर से मिला। उनसे मिलने के पहले सबने मुझे कहा था कि वो बहुत गुस्सा होते हैं। किसी भी बात पर डांटते देते हैं लेकिन मुझे वो काफी प्यारे इंसान लगे। वो काफी गर्मजोशी से मिले। मैंने उनसे ज्यादा प्यारा इंसान नहीं देखा।

तरुण मनसुखानी ने बताया ‘हाउसफुल 5’ डायरेक्ट करने का एक्सपीरियंस माइंड ब्लोइंग था।

तरुण मनसुखानी ने बताया ‘हाउसफुल 5’ डायरेक्ट करने का एक्सपीरियंस माइंड ब्लोइंग था।

‘हाउसफुल-5’ का सेट और माहौल कैसा था?

इस सेट पर सिर्फ मस्ती होती थी। अगर आप मजे नहीं कर रहे तो आप इस फिल्म से जा सकते हैं। आपकी यहां जरूरत नहीं है। सेट पर कोई गलती हो जाए, सेट की कोई चीज गिर जाए किसी बात का कोई लोड नहीं था। सब साथ आते थे, चीजों को फिक्स करते थे और मस्ती के बीच फिल्म शूट होती थी। फिल्ममेकिंग में जो मजा आता है, वो मैक्सिम मुझे इस फिल्म के सेट पर आया।

नाना सर, संजय दत्त और जैकी श्रॉफ को डायरेक्ट करने का अनुभव कैसा था?

इनका डायरेक्ट करने का एक्सपीरियंस माइंड ब्लोइंग था। कभी लगा ही नहीं कि ये इतने बड़े स्टार्स हैं। ये बहुत सिंपल, सेट पर मस्ती और हमेशा जोक क्रैक करते थे। लेकिन फिर भी इनका एक स्वैग है। दोनों की कमाल की कॉमेडी टाइमिंग है, जो मुझे पता नहीं थी।

कॉमेडी में अक्षय और रितेश देशमुख की जोड़ी का कॉम्बिनेशन मैजिकल है।

उन दोनों ने एक-दूसरे के साथ काफी काम किया है। उनको अब चीजें डिस्कस करने की जरूरत नहीं पड़ती। वो एक-दूसरे के देखकर चीजें समझ लेते हैं। कभी-कभी रितेश अक्षय को देखकर हंस देता है और वो बात समझ जाते हैं। फिर दोनों मिलकर कुछ ऐसा क्रिएट करते हैं, जो कमाल ही होता है।

अक्षय कई इंटरव्यू में बता चुके हैं कि उनके वायरल मीम वाले सीन सेट पर तुरंत बनाए होते हैं। क्या हाउसफुल के सेट पर उन्होंने कुछ खुद से क्रिएट किया?

कांची का पूरा ट्रैक अक्षय का बनाया हुआ है। मुझे याद है कि जब उनका इंट्रोडक्शन सीन शूट हो रहा था, तब उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि कांची क्योंकि नेपाल से है तो उससे नेपाली बुलवाए? मैंने उनसे कहा कि पता नहीं नरगिस कर पाएगी या नहीं। अक्षय ने मुझे कहा टेंशन मत लो हो जाएगा। फिर उन्होंने नरगिस को कैमरे में बुलाया। हमने वहीं पर बैठकर सारा फिर से लिखा। अक्षय ने पूरी लाइन को वाइस नोट में रिकॉर्ड करके नरगिस को दिया और कहा कि अब रिहर्सल करो। हमने ये बता किसी को बताया भी नहीं। जब वो सेट पर आई और उसने बोलना शुरू किया, उस वक्त सारी यूनिट सेट पर हंस-हंसकर गिर रही थी।

आपको लगता है कि आपकी फिल्म एक फैमिली एंटरटेनमेंट है और इसकी वजह से लोग थिएटर का रुख कर रहे हैं?

हां, बिल्कुल। जैसा कि आपने भी कहा कि हमें सबसे ज्यादा हंसने की जरूरत थी। सिनेमा हॉल में जहां एक पूरी कम्युनिटी मिलकर एक फिल्म देख रही है। लाइट्स ऑफ होने के बाद एक कोने से हंसने या डरावनी फिल्म है तो चीखने की आवाज आती है। ये सिर्फ थिएटर में ही हो सकता है। घर पर आपको ये फीलिंग नहीं मिलेगी। आप घर में चाहे कोई भी साउंड सिस्टम या स्क्रीन लगा लो लेकिन थिएटर वाला उत्साह नहीं मिलेगा।

कुछ क्रिटिक्स आपकी फिल्म को मिसोजिनिस्ट, क्रिंज बता रहे हैं। ऐसे लोगों को कुछ कहना चाहते हैं?

ये वही लोग हैं, जो ढाबा पर जाकर सिजर्स सलाद मांगते हैं। मैं ऐसे लोगों को भाव नहीं देता। आपको जो बोलना या लिखना है लिख लीजिए, नंबर्स बात करते हैं। ऑडियंस असल फीडबैक देती है और वहां से हमें प्यार मिल रहा है।

बकेट लिस्ट में कोई ऐसा स्टार, जिनके साथ काम करने की इच्छा है?

मेरी लिस्ट में एक ही हैं,अमिताभ बच्चन। मैं चाहता हूं कि मुझे सिर्फ एक बार उनको डायरेक्ट करने का मौका मिल जाए। मैं हमेशा कुछ ना कुछ लिखता रहूंगा, जहां पर मैं उनके लिए एक सीन लिख पाऊं और वो उसे कर दें।



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