31 मिनट पहले
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही सभी पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट भारत में बैन कर दिए गए थे। लेकिन हाल ही में कुछ कलाकारों के अकाउंट्स दिखने लगे। इसी के चलते अब अखिल भारतीय सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने इसे एक तत्काल नेशनल कंसर्न बताते हुए स्थायी राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध की मांग की है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले से जुड़े अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि टेपररी बैन हटना एक तकनीकी एरर था। इस वजह से ही पाक कलाकारों का अकाउंट्स अनब्लॉक हो गए थे।हालांकि अब एक बार फिर से पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में नजर नहीं आ रहे हैं।
शहीदों का घोर अपमान और देश के साथ विश्वासघात
पीएम मोदी को लिखे लेटर में उन्होंने कहा है- ‘पाकिस्तानी आर्टिस्ट, इंफ्लुएंसर और चैनलों का भारतीय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दोबारा आना हमारे शहीदों का घोर अपमान और राष्ट्र के साथ विश्वासघात है। जो लोग भारत की धरती से कमाते हैं, वे इसके खिलाफ आतंकवाद को फंड नहीं दे सकते। आतंकवाद और मनोरंजन एक साथ नहीं चल सकते। अखिल भारतीय सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने भारत में सभी पाकिस्तानी कंटेंट, अकाउंट्स और कोलेबोरेशन पर तत्काल और स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग करता है।’
लेटर में कहा गया है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी स्टेट है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश था, है और हमेशा रहेगा। यह वही देश है, जिसने 26/11 मुंबई अटैक, पुलवामा सुसाइड बॉम्बिंग, उरी बेस कैंप,पहलगाम,पठानकोट और कारगिल अटैक की साजिश रची।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही सभी पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट भारत से रिस्ट्रिक्ट कर दिए गए थे। लेकिन दो दिन पहले कुछ पाकिस्तानी एक्टर्स और क्रिकेटर्स के सोशल मीडिया अकाउंट से बैन हट गया था। बॉलीवुड फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ में नजर आ चुकीं पाकिस्तानी एक्ट्रेस मावरा होकैन के अलावा सबा कमर, युमना जैदी, दानिश तैमूर, अहद रजा मिर जैसे कलाकारों के अकाउंट भी एक्टिव थे।
बताते चलें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की लीगल रिक्वेस्ट के चलते पाकिस्तानी कलाकारों के अकाउंट रिस्ट्रिक्ट किए गए थे। इसके अलावा गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगा गया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इन चैनलों पर भारत, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक और भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप थे।