14 मिनट पहले
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नीतू कपूर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं।
बॉलीवुड की ‘बेबी सोनिया’ यानी नीतू कपूर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं। महज 6 साल की उम्र में नीतू ने फिल्म सूरज से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बॉलीवुड में कदम रखा था। 1973 में वे बतौर लीड एक्ट्रेस फिल्म रिक्शावाला में नजर आईं। यह फिल्म भले ही सफल न हुई, लेकिन नीतू की खूबसूरती ने सबका ध्यान खींचा और उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलने लगे।
साल 1974 में फिल्म जहरीला इंसान में नीतू पहली बार ऋषि कपूर के साथ नजर आईं। यह जोड़ी पर्दे पर ही नहीं, असल जिंदगी में भी हिट रही और दोनों ने शादी कर ली। परिवार के लिए नीतू ने अपना फिल्मी करियर छोड़ दिया। हालांकि 26 साल बाद 2009 में उन्हें फिल्मों में वापसी का मौका मिला। 2020 में ऋषि कपूर के निधन के बाद नीतू अकेली रह गईं, लेकिन उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया और अपनी नई पहचान बनाते हुए फिल्मों पर फोकस किया।
आज नीतू कपूर अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें…
कोठे में हुआ था नीतू की मां का जन्म, परिवार ने दिया था धोखा
नीतू कपूर भले ही आज आलीशान जिंदगी जीती हैं, लेकिन उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी मां राजी कौर का अहम योगदान रहा। जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, राजी कौर का जन्म लखनऊ के एक कोठे में हुआ था। दरअसल, जब नीतू की नानी हरजीत सिर्फ 10 साल की थीं, तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया। ऐसे समय में जब उन्हें परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब उनके ही रिश्तेदारों ने उन्हें अपनाने के बजाय एक कोठे पर छोड़ दिया।
उन्होंने उस माहौल से बाहर निकलने की कई कोशिशें कीं, लेकिन हालात के आगे बेबस होकर अंत में उस जिंदगी को अपना लिया। बाद में उन्होंने कोठे के दलाल फतेह सिंह से शादी कर ली, जिससे उन्हें एक बेटी हुई राजी कौर। जैसे-जैसे राजी बड़ी हुईं, उन्हें भी उसी माहौल में धकेलने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने उस जिंदगी को अपनाने से इनकार कर दिया। राजी के मन में हमेशा कुछ बड़ा करने की चाह थी। उन्होंने फिल्मों में काम करने की इच्छा जताई, तो उन्हें बुरी तरह मारा गया।
फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी। 22 साल की उम्र में जैसे ही उन्हें मौका मिला, वह कोठे से भाग निकलीं और एक मिल में काम करने लगीं। वहीं उनकी मुलाकात दर्शन सिंह से हुई और दोनों ने शादी कर ली और कुछ समय बाद एक बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम हरनीत रखा गया, जिसे आज दुनिया नीतू कपूर के नाम से जानती है।
मां राजी के साथ नीतू।
खुद नहीं बन पाईं हीरोइन, बेटी नीतू में देखा अपना सपना
नीतू कपूर के जन्म के बाद उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया था, लेकिन जब नीतू महज 5 साल की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इस हादसे के बाद परिवार की माली हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। घर में इतने बुरे हालात हो गए कि दो वक्त की रोटी खाना मुश्किल हो गया।
ऐसे में राजी कौर ने फिल्मों में काम पाने की कोशिश की। उन्हें उम्मीद थी कि शायद उन्हें कोई रोल मिल जाए, लेकिन उन्हें बार-बार रिजेक्शन ही मिले। तब उन्हें एहसास हुआ कि अब उनके लिए बहुत देर हो चुकी है। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और अपने अधूरे सपने को अपनी बेटी नीतू के जरिए पूरा करने का फैसला किया।
राजी ने नन्ही नीतू का हाथ थामा और फिल्म स्टूडियोज के चक्कर लगाने लगीं। शुरुआत में फिर वही रिजेक्शन मिला, पर उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई और नीतू को 6 साल की उम्र में फिल्म ‘सूरज’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट पहला ब्रेक मिला।
इसी फिल्म से नीतू को इंडस्ट्री में नया नाम मिला ‘बेबी सोनिया’। ‘सूरज’ में उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया और इसके बाद उन्हें ‘दस लाख’, ‘दो कलियां’ जैसी फिल्मों में काम मिल गया। खासकर ‘दो कलियां’ में नीतू की एक्टिंग ने सबका दिल जीत लिया। इस फिल्म में उन्होंने डबल रोल निभाया था और फिल्म का गाना ‘बच्चे मन के सच्चे’, जिसमें नीतू नजर आई थीं, वह बेहद पॉपुलर हुआ।
15 साल की उम्र में कमबैक, रणधीर कपूर संग मिली पहली फिल्म
बेटी नीतू को बड़ी हीरोइन बनाने का सपना लेकर 1973 में राजी फिर मुंबई लौट आईं। उस समय नीतू करीब 14-15 साल की हो चुकी थीं। नीतू को रणधीर कपूर के साथ फिल्म ‘रिक्शावाला’ में काम करने का मौका मिला। हालांकि फिल्म कुछ खास नहीं चली, लेकिन नीतू की खूबसूरती और स्क्रीन प्रेजेंस ने फिल्ममेकर्स का ध्यान जरूर खींचा। इसके बाद उन्हें एक के बाद एक फिल्में ऑफर होने लगीं।
उस समय नीतू के फिल्मी करियर से जुड़ा हर फैसला उनकी मां ही लेती थीं। नीतू वही फिल्म साइन करतीं, जिसे राजी की मंजूरी मिलती। उसी साल नीतू को फिल्म ‘यादों की बारात’ में काम करने का मौका मिला। ये फिल्म सुपरहिट हुई और फिर क्या था नीतू को हिंदी सिनेमा में लीड एक्ट्रेस के तौर पर पहचान मिल गई।
फिल्म ‘सूरज’ में नीतू।
‘जहरीला इंसान’ के सेट पर हुई थी ऋषि कपूर से पहली मुलाकात
नीतू को साल 1974 में फिल्म जहरीला इंसान ऑफर हुई थी। इस फिल्म में पहली बार ऋषि कपूर के साथ उनकी जोड़ी बनी। वैसे तो नीतू ने कई स्टार्स के साथ काम किया, लेकिन उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा ऋषि के साथ ही पसंद की गई। सेट पर ऋषि नीतू को काफी तंग किया करते थे, जिससे वह काफी चिढ़ भी जाती थीं। हालांकि बाद में धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हो गई।
ऋषि की गर्लफ्रेंड्स के लिए लिखती थीं खत
ऋषि कपूर और नीतू कपूर की बॉन्डिंग इतनी मजबूत हो गई थी कि नीतू दूसरी लड़कियों को इम्प्रेस करने के लिए एक्टर की मदद करने लग गईं। नीतू, ऋषि की तरफ से उनकी गर्लफ्रेंड्स के लिए लव लेटर भी लिखा करती थीं। हालांकि फिर समय के साथ यही दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने 12 से भी ज्यादा फिल्मों में एक साथ काम किया। हर फिल्म में उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया।
ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लम खुल्ला में नीतू से पहली मुलाकात का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, ‘मेरी कायदे से नीतू से पहली मुलाकात फिल्म ‘बॉबी’ के सेट पर हुई थी। अमर अकबर एंथनी की शूटिंग के दौरान हमारा प्यार परवान चढ़ा। उस दौर में डेटिंग हाथ पकड़ने, पार्टी में जाने या फिर स्लो डांस करने तक ही सीमित थी।
जब तक नीतू के साथ मेरी शादी नहीं हो गई तब तक मेरे पेरेंट्स के पास मेरे लिए कई रिश्ते आते थे। पेरेंट्स को मैंने कभी खुलकर नहीं कहा कि मैं किसी को डेट कर रहा हूं, लेकिन वो जानते थे कि नीतू मेरी जिंदगी में हैं। इसी वजह से जब भी मेरे लिए रिश्ता आता था तो वो ये कहकर मना कर देते थे कि मैं किसी को डेट कर रहा हूं।’
नीतू-ऋषि के रिश्ते के खिलाफ थीं मां राजी
नीतू कपूर की ऋषि कपूर के साथ लव स्टोरी उस समय शुरू हुई जब नीतू धीरे-धीरे अपने करियर के पीक पर पहुंच रही थीं। उस वक्त उनकी उम्र भी काफी कम थी। इसी वजह से उन्हें कई बार अपनी मां की डांट और मार का सामना करना पड़ा।
एक इंटरव्यू में नीतू कपूर ने इस बारे में खुलकर बात की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी मां को फिल्म इंडस्ट्री के एक्टर्स बिल्कुल पसंद नहीं थे। जब उन्हें नीतू और ऋषि कपूर के रिश्ते के बारे में पता चला, तो वह बहुत नाराज हुईं और उनकी पिटाई भी की। हालांकि बाद में जब उनका रिश्ता आगे बढ़ा, तो नीतू की मां ने उस पर पूरा कंट्रोल रखा। डेट पर जाने से लेकर हर छोटी-बड़ी जानकारी वह मां को देती थीं।
करियर के पीक में की शादी, छोड़ी फिल्म इंडस्ट्री
नीतू का कपूर परिवार में आना-जाना शुरू हो चुका था। वह ऋषि कपूर से शादी को लेकर सीरियस थीं और यह बात ऋषि के साथ ही पूरा कपूर खानदान जानता था। एक दिन राज कपूर ने ऋषि कपूर से स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर वह नीतू से प्यार करते हैं, तो उन्हें उससे शादी कर लेनी चाहिए। इसके बाद दोनों ने 22 जनवरी 1980 को शादी कर ली। शादी के समय नीतू का फिल्मी करियर अपने शिखर पर था। इसके बावजूद उन्होंने इंडस्ट्री से दूरी बना ली, क्योंकि उस समय कपूर परिवार की परंपरा थी कि उनकी बहुएं और बेटियां फिल्मों में काम नहीं करती थीं। नीतू ने इस परंपरा का सम्मान करते हुए फिल्में छोड़ दीं।
ऋषि कपूर ने इस बारे में अपनी बायोपिक ‘खुल्लम खुल्ला’ में लिखा था, नीतू ने जब तय किया कि वह शादी के बाद फिल्मों में काम नहीं करेंगी, तो उन्होंने प्रोड्यूसर्स को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी थी। शादी से पहले उन्होंने अपने सभी असाइनमेंट्स पूरे कर लिए थे। वह तीन-तीन शिफ्ट में शूटिंग करती थीं और थोड़े-बहुत बचे समय में शादी की तैयारियां भी करती थीं।
जब नीतू ने 21 साल की उम्र में शादी के बाद फिल्मों से दूरी बना ली थी, तब वह इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में से एक थीं। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि नीतू शादी के बाद फिल्मों में काम करें, क्योंकि उनका मेल ईगो (पुरुष अहं) आड़े आ जाता था। वह चाहते थे कि उनकी पत्नी शादी के बाद घर पर रहे और काम पर न जाए।
ससुर राज कपूर को लगाई थी फटकार
नीतू कपूर ने ननद ऋतु नंदा की किताब ‘राज कपूर: द वन एंड ओनली शोमैन’ में एक किस्से का जिक्र किया है, जब उन्होंने गलती से राज कपूर को फोन पर फटकार लगा दी थी, जिसके लिए उन्हें बाद में काफी पछतावा हुआ।
नीतू ने बताया, ‘एक दिन ऋषि कपूर बहुत ज्यादा नशे में घर लौटे थे। मैं उन्हें फोन किया और गुस्से में चिल्लाई, लेकिन दूसरी तरफ से गुस्से में आवाज आई, ‘तुम्हें पिता और बेटे की आवाज में फर्क नहीं समझ आता?’ यह सुनकर मैं बहुत हैरान रह गई। दोनों की आवाजें इतनी मिलती-जुलती थीं कि मैं समझ ही नहीं पाई कि मैंने राज कपूर जी को डांट दिया था। उस पल मुझे बेहद शर्मिंदगी हुई।’
बेटी रिद्धिमा और बेटे रणबीर के साथ ऋषि और नीतू कपूर।
नीतू ने ऋषि के अफेयर्स को बताया था वन नाइट स्टैंड्स
नीतू कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें ऋषि कपूर के सभी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के बारे में पता था। कई बार उन्होंने ऋषि को दूसरी महिलाओं के साथ फ्लर्ट करते हुए भी पकड़ा था। इन आदतों के कारण उन्होंने ऋषि से कई सालों तक झगड़ा किया।
लेकिन बाद में उन्हें समझ आ गया कि ऋषि के लिए सबसे पहले उनकी फैमिली आती है। इसलिए उन्होंने उनके अफेयर को लेकर ज्यादा सोचना बंद कर दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि ये केवल वन नाइट स्टैंड्स होते हैं। एक्ट्रेस ने कहा कि ऋषि उन पर बहुत ज्यादा डिपेंड थे, इसलिए उन्हें भरोसा था कि वे उन्हें कभी नहीं छोड़ेंगे।
2009 में 26 साल बाद किया कमबैक
नीतू की आखिरी फिल्म ‘गंगा मेरी मां’ 1983 में रिलीज हुई थी। इसके बाद उन्होंने 26 साल बाद 2009 में फिल्मों में कमबैक किया। अपनी दूसरी पारी में ‘दो दूनी चार’ (2010), ‘जब तक है जान’ (2012) और ‘बेशरम’ (2013) जैसी फिल्मों में नजर आईं।
नीतू कपूर ने अपनी जिंदगी में एक अच्छी पत्नी, बहू और मां की भूमिका बखूबी निभाई है। साल 2022 में उनके बेटे रणबीर कपूर ने आलिया भट्ट से शादी की थी। उसी साल नीतू कपूर दादी भी बनी थीं।
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