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Special Ops 2 Star cast Interview | ‘नीरज पांडे सीन्स को लेकर कोई समझौता नहीं करते’: ‘स्पेशल ऑप्स’ एक्टर्स बोले- अभी के समय में AI न्यूक्लियर जितना पावरफुल; सीरीज में मेन विलेन टेक्नोलॉजी

Special Ops 2 Star cast Interview | ‘नीरज पांडे सीन्स को लेकर कोई समझौता नहीं करते’: ‘स्पेशल ऑप्स’ एक्टर्स बोले- अभी के समय में AI न्यूक्लियर जितना पावरफुल; सीरीज में मेन विलेन टेक्नोलॉजी


58 मिनट पहलेलेखक: भारती द्विवेदी

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हॉटस्टार की मोस्ट अवेटेड सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स’ जल्द ही स्ट्रीम होने वाली है। शो के ट्रेलर में साइबर टेररिज्म और डेटा वॉर की लड़ाई देखने को मिली, जिसे लेकर फैंस काफी उत्सुक हैं। सीरीज में इस बार केके मेनन, करण टैकर, मुजम्मिल इब्राहिम के अलावा कई नए चेहरों की एंट्री हुई है। हिम्मत सिंह और उनके एजेंट्स का सामना ताहिर राज भसीन से होगा। शो में ताहिर विलेन के तौर पर नजर आने वाले हैं। करण, ताहिर और मुजम्मिल ने अपने शो को लेकर दैनिक भास्कर से खास बात की है। पढ़िए इंटरव्यू के प्रमुख अंश…

करण और मुजम्मिल आप दोनों पहले सीजन में थे। इस बार ऑडियंस के लिए क्या नया लेकर आ रहे हैं?

करण- मेरा मानना है कि इस सीजन की पिचिंग बहुत अलग है और ये सच्चाई है कि इसमें पांच साल का लंबा गैप नहीं है। इसके बीच में ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ भी आया। पहले और दूसरे सीजन में तालमेल है। बस एक चीज इसे अलग बनाती है, वो इसका विलेन है। इसमें विलेन टेक्नोलॉजी और समय है। एजेंट्स होने के नाते हम इससे लड़ रहे हैं। पर्सनली मेरा मानना है कि इस बार का एक्शन बहुत बड़ा है। मैं उम्मीद करता हूं कि दर्शकों को भी ये बात नजर आएगी। बतौर हिम्मत सिंह केके सर की तरफ से हमें जो निर्देश मिलता था, हमने उसे जिस तरह से एग्जीक्यूट किया है, वो बहुत कमाल हैं। मेरे ख्याल में आप इंडियन स्क्रीन पर पहली बार एक्टर्स को ये सारी चीजें खुद करते देखेंगे। मैंने,मुजम्मिल या ताहिर किसी ने भी एक्शन के दौरान कोई बॉडी डबल इस्तेमाल नहीं किया है।

करण ने दस साल तक टीवी के लिए काम करने के बाद 'स्पेशल ऑप्स' से ओटीटी डेब्यू किया था।

करण ने दस साल तक टीवी के लिए काम करने के बाद ‘स्पेशल ऑप्स’ से ओटीटी डेब्यू किया था।

मुजम्मिल- जी, जिस तरह से ये शुरू हुआ, वो बहुत अलग है। कुछ बातें एक्टर को पता चल जाती हैं कि इस बार कुछ अलग होने वाला है। हमें ये बात पहले सीजन में भी पता थी। लेकिन इस सीजन में ये और मजबूती से बाहर आया है। जैसा कि आपने एक्शन का पूछा तो मैं कहूंगा कि ये लार्जर दैन लाइफ है और काफी बड़ा है। इसमें अद्भुत एक्शन सीक्वेंस है। हमने ऐसा एक्शन सीक्वेंस इंडियन सिनेमा में बहुत कम देखा है।

नीरज पांडे सर वो इंसान है, जिन्हें रियलिस्टिक शूट करना पसंद है। उन्होंने अपने एजेंट्स को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। एक्शन सीक्वेंस के बाद हमारी हालत ऐसी होती थी, जैसे हम लड़ाई के मैदान से आए हैं। हम सबकी बॉडी पर चोट के निशान थे। पहले सीजन में भी ऐसा ही था और हमें इस तरह काम करना पसंद है। पर्सनली मुझे इस तरह का काम करना पसंद है क्योंकि मैं एक मार्शल आर्टिस्ट भी हूं। जो मैंने सीखा है, उसे सीरीज में इस्तेमाल करना भी मुझे पसंद है।

ताहिर, आप पहली बार नीरज पांडे के साथ काम कर रहे हैं। अपना अनुभव बताएं।

मैं स्कूल और कॉलेज में ‘वेडनेसडे’ और ‘स्पेशल 26’ जैसी फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं। जब मैंने पहली बार ‘स्पेशल ऑप्स’ का ट्रेलर और शो देखा तो मुझे असल में बहुत जमीन से जुड़ा लगा। मेरे लिए ये इंडियन ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए एक पहला शानदार कदम था। इतने सक्सेसफुल शो का पार्ट बनना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।

नीरज पांडे की बात करूं तो मैं किसी ऐसे इंसान से नहीं मिला था, जो इतना सटीक हो। मेरे ख्याल से सब इस बात से सहमत होंगे। नीरज इतनी तैयारी के साथ आते हैं कि उनका 20 का 19 नहीं होता है। वो जब शूट करते हैं तो ऑलरेडी उनके दिमाग में एडिटिंग होती है। बतौर एक्टर फिर आप सेफ महसूस करते हैं कि आपके डायरेक्टर के पास इतनी क्लैरिटी है कि वो जानते हैं कि उन्हें क्या चाहिए। ऐसे में जब आप उनकी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं तो उन्हें खुशी होती है। हालांकि, मैं अभी भी नहीं बता सकता कि वो कब खुश है और कब नहीं। मेरे लिए काफी एनरिचिंग एक्सपीरियंस था।

ताहिर ने साल 2012 में 'किस्मत लव पैसा दिल' से बड़े पर्दे पर करियर की शुरुआत की थी।

ताहिर ने साल 2012 में ‘किस्मत लव पैसा दिल’ से बड़े पर्दे पर करियर की शुरुआत की थी।

क्या सेट पर कभी नीरज से डांट पड़ी?

ताहिर- नीरज पांडे को समझना कठिन है। इन तीनों ने उनका साथ ज्यादा काम किया है तो ये उन्हें डिकोड करने में मेरी मदद करेंगे। आमतौर पर जब किसी डायरेक्टर के साथ काम करते हैं तो वो गुड, एक्सीलेंट या ग्रेट टेक कहते हैं। नीरज पांडे मूविंग ऑन कहते हैं। पहले पांच दिन मुझे लगा कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं। मैंने एक दिन सेट पर किसी को पूछा क्या उन्हें वो शॉट मिल रहा है, जो वो चाहते हैं? क्योंकि कभी पता नहीं चलता है।

करण- पहले सीजन में मेरे साथ भी ऐसा ही था। नीरज पांडे सर एक बहुत बड़ा नाम हैं। हम सब उनके फैन बॉयज हैं। पहले तो उनसे कुछ पूछने में घबराहट होती थी। सम्मान की वजह से आप एक दूरी बनाकर भी चलते हो। लेकिन एक दिन मैंने उनसे बात की और कहा कि सर आपको थोड़ा गाइड करना पड़ेगा कि आपके लिए क्या वर्क कर रहा है। उनका जवाब आया कि अगर मैं एक शॉट के बाद दूसरे शॉट के लिए निकल गया हूं तो इसका मतलब वो मेरे लिए वर्क कर रहा हूं। मैं कंप्रोमाइज थोड़ी करूंगा। अब मैं समझ गया हूं कि जब वो मूविंग ऑन कहते हैं यानी उनके लिए सब ओके है।

अभी के समय में जिस तरीके से AI और टेक्नोलॉजी का मिसयूज हो रहा है, इसे आप सब कितना खतरनाक मनाते हैं?

मुजम्मिल- ये बहुत खतरनाक है। मेरे मम्मी और पापा दोनों के बैंक से पैसे कट चुके हैं। मेरे पापा बहुत सिंपल इंसान हैं। उन्हें एक कॉल आया था, जिसमें उनसे उनके बैंक डिटेल के बारे में पूछा गया। मेरे पापा ने डिटेल्स बता दी। ऐसे ही मेरी मां को व्हाट्सएप पर एक ब्लर फोटो आया, जिसमें लिखा था पहचान कौन? मेरी मां ने जैसे ही उस पर क्लिक किया उनके फोन हैंग हो गया। फिर पता चला कि बैंक से पैसे कट गए हैं। चीजें इतनी एडवांस हो रही हैं और जिस तरह के वायरस आ रहे हैं, ये अपने आप में क्रेजी है।

मुजम्मिल फैशन इंडस्ट्री का बड़ा नाम है। एक्टिंग करियर की बात करें तो उन्हें ' स्पेशल ऑप्स' से पहचान मिली है।

मुजम्मिल फैशन इंडस्ट्री का बड़ा नाम है। एक्टिंग करियर की बात करें तो उन्हें ‘ स्पेशल ऑप्स’ से पहचान मिली है।

ताहिर- इसकी तुलना अगर फिजिकल टेक्नोलॉजी से करनी हो तो न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को देख सकते हैं। अगर लोग चाहे तो इसका इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए कर सकते हैं। न्यूक्लियर एनर्जी बहुत पॉजिटिव चेंज ला सकती हैं। लेकिन अगर कोई चाहे तो इसका बहुत बुरा इस्तेमाल भी कर सकता है। जैसे कि न्यूक्लियर वैपेन। AI को मैं डिजिटल वर्ल्ड में इसके जैसे ही मानूंगा। इसका इस्तेमाल करके बहुत सारे सिस्टम को ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर ये गलत हाथों में चला जाए तो इससे बहुत डैमेज भी हो सकता है।

ताहिर, आपके निगेटिव रोल को ऑडियंस को खूब प्यार मिलता है। इसे आप कैसे देखते हैं?

मैंने कसम खा रखी है कि मुझे चमकना है। चाहे वो निगेटिव रोल हो या पॉजिटिव रोल। मैं अपने आप को खुशकिस्मत मानता हूं। ‘मर्दानी’ मेरी डेब्यू फिल्म थी और अगर मैं कहूं कि मैंने उस फिल्म को चुना तो झूठा होगा। बॉम्बे में कुछ पार्ट ऐसे हैं, जो आपको चुनते हैं। जब मेरे पास यशराज फिल्म और और प्रदीप सरकार की तरफ से मेरे पास प्रोजेक्ट आया, तब मेरे पास च्वाइस नहीं थी। ‘मर्दानी’ के बाद मैंने अलग-अलग किरदार भी निभाया है। 10 साल के बाद मैं फिर से निगेटिव रोल निभा रहा हूं।

अगर दोनों किरदारों में तुलना की जाए तो ‘मर्दानी’ में मैं एक गैंग चला रहा था और ‘स्पेशल ऑप्स-2’ में यूरोप में एक एम्पायर चल रहा हूं। मैं कहूंगा कि लाइफ में थोड़ी तो प्रोग्रेस हुई है। जब नीरज सर से मैंने किरदार के बारे में पहली बार सुना तो मैं भावुक हो गया। अक्सर निगेटिव किरदार हथियारों के दम पर अपना बल दिखाते हैं लेकिन इस सीरीज में मेरा किरदार दिमाग से खेलता है।

ताहिर 'मर्दानी' के दस साल बाद फिर से निगेटिव रोल में नजर आएंगे।

ताहिर ‘मर्दानी’ के दस साल बाद फिर से निगेटिव रोल में नजर आएंगे।

सीरीज में मेरा नाम सुधीर है और गौर से देखिएगा तो सुधीर का मतलब ही इंटेलिजेंस होता है। डेटा उसके लिए हथियार है। मेरे लिए ये बहुत दिलचस्प था क्योंकि ये नई पीढ़ी, नए दौर का विलेन है। अगर आज के राजनीतिक माहौल को देखा जाए तो ये एक सवाल भी खड़ा करता है कि असल में इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी क्या है।

करण, टीवी पर आपका करियर सफल रहा है। आपने ओटीटी पर भी सफलता देख ली है। आपको लगता है कि ओटीटी की वजह से टीवी कलाकारों की राहें आसान हुई हैं?

मैं टीवी के टैग को क्राउन की तरह गर्व से पहनकर चलता हूं। मैं अपने करियर में सबसे ज्यादा शुक्रगुजार किसी चीज के लिए हूं तो वो अपने टेलीविजन के दिनों के लिए हूं। मैंने अपने 16 साल की करियर में सबसे ज्यादा मजा टीवी में किया है। उसके पीछे का कारण ये होता था कि आपको हर दिन सेट पर जाना होता था। जो मुझे बहुत पसंद था। मैंने जितना भी सीखा है, वो सब टीवी से ही सीखा है। अगर कोई मुझे मेरे टीवी के किरदार की वजह से पहचानता है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।

हाल ही में कान गया था। मुझे आइडिया नहीं था कि इंटरनेशनल लोग मुझे मेरे टीवी किरदार के नाम से जानते होंगे। मुझे ये बात बहुत दिलचस्प लगी। इस बात को हमारी इंडस्ट्री में कहा जाता है कि हम टीवी का टैग झेलते हैं। मुझे लगता है कि सोचने का ये तरीका बहुत गलत है। बतौर एक्टर आपका चार्म ही यही होता है कि आप टीवी, ओटीटी, फिल्मों या थियेटर में काम करें। मैं तो हर दिन और हर प्लेटफॉर्म पर काम करना चाहता हूं। मैं अपने हर डिजायर मेकर के साथ काम करना चाहता हूं। एक्टर कहीं से भी काम करके आया हो, वो एक एक्टर होता है। उसके पीछे कोई टैग नहीं होना चाहिए। मुझे समझ नहीं आता कि लोग एक्टर के पीछे टैग क्यों लगते हैं।

करण जल्द ही अनुपम खेर की डायरेक्शन में बनी फिल्म 'तन्वी द ग्रेट' में नजर आएंगे।

करण जल्द ही अनुपम खेर की डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ में नजर आएंगे।

ताहिर, जब आपने ‘स्पेशल ऑप्स’ टीम को ज्वाइन किया, तब क्या फीलिंग थी?

ऐसी फीलिंग थी कि मैंने एक ऐसे बॉयज हॉस्टल को ज्वाइन किया है, जहां पर सब एक-दूसरे को जानते हैं और आप वहां पर नए लड़के हो। मन में रहता है कि पता नहीं वहां पर लोग मुझे एक्सेप्ट करेंगे या नहीं। स्कूल में नए बच्चे वाली फीलिंग जरूरी थी क्योंकि वहां सेट पर क्रू भी एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन मैं करण को क्रेडिट देना चाहूंगा कि उसने मेरी बहुत मदद की। मेरा सबसे ज्यादा काम करण के साथ ही था। मेरे लिए चीजें थोड़ी आसान इसलिए हो गई क्योंकि मेरा जो काम था, वो स्क्वायड से अलग था।

मुजम्मिल, आपका स्क्रीन प्रेजेंस बहुत कम है। हमने आपको ‘स्पेशल ऑप्स‘ के सीजन 1 में देखा और अब दूसरे सीजन में आ रहे हैं। इतना गैप क्यों है?

‘स्पेशल ऑप्स’ के बाद कोविड का फेज आ गया। बतौर एक्टर जो चीजें आपने प्लान की थी, वो हो नहीं पाई। ये सिर्फ मेरे साथ नहीं, सभी एक्टर्स के साथ हुआ। हर एक्टर हर दिन सेट पर जाना चाहता है। खूब सारा काम करना चाहता है। ऐसे में जो ऑप्शन आपको मिल रहा है, उसमें आपको बेस्ट चुनना होता है। ‘स्पेशल ऑप्स’ से मैं एक ऊंचाई पर पहुंचा हूं। ऐसे में मैं चाहता हूं कि आगे जो भी प्रोजेक्ट चुनूं, वो मुझे उससे आगे ले जाए। उसके बाद मुझे पता था कि दूसरा सीजन आएगा, जिसमें मेरे किरदार लंबा होगा। मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं ‘स्पेशल ऑप्स’ का वेट करूं, उसके बाद दूसरे प्रोजेक्ट को सेलेक्ट करूं।

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