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suniel shetty praises herapheri director priyadarshan dialogues | सुनील शेट्टी बोले- आज की फिल्में वॉट्सऐप जोक्स पर हैं: ‘हेरा फेरी 3’ में परेश रावल की एंट्री पर कहा- ‘नजर लग जाती है’

suniel shetty praises herapheri director priyadarshan dialogues | सुनील शेट्टी बोले- आज की फिल्में वॉट्सऐप जोक्स पर हैं: ‘हेरा फेरी 3’ में परेश रावल की एंट्री पर कहा- ‘नजर लग जाती है’


10 मिनट पहले

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फिल्म ‘हेरा फेरी’ को लोग आज भी याद करते हैं। इस फिल्म के कई डायलॉग और सीन सोशल मीडिया पर मीम बनकर वायरल होते हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनील शेट्टी ने इस फिल्म की पॉपुलैरिटी और इसके डायरेक्टर प्रियदर्शन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि फिल्म के सभी मजेदार सीन खुद प्रियदर्शन ने लिखे थे।

सुनील ने बताया कि हम थोड़ा-बहुत इंप्रोवाइज करते थे, लेकिन’ औरत का चक्कर बाबू भैया’ जैसे फेमस डायलॉग्स उन्हीं के लिखे हुए हैं। हर शब्द उनका लिखा हुआ है।

सुनील ने कहा कि मैंने ऐसा डायरेक्टर कभी नहीं देखा। कॉमेडी के नजरिए से उन्हें वो दिखता है जो हमें नहीं दिखता। वो कॉमेडी के जीनियस हैं।

'हेरा फेरी' सीरीज में सुनील शेट्टी ने घनश्याम (श्याम) का किरदार निभाया है।

‘हेरा फेरी’ सीरीज में सुनील शेट्टी ने घनश्याम (श्याम) का किरदार निभाया है।

सुनील बोले- मैं रिलीज से पहले कुछ नहीं कहूंगा

वहीं, हेरा फेरी 3 को लेकर भी उन्होंने कहा कि हां परेश रावल वापस आ रहे हैं। मैं बहुत एक्साइटेड हूं, लेकिन रिलीज वाले दिन ही बात करूंगा, नजर लग जाती है। हमारी खुद की नजर भी लग जाती है।

सुनील ने यह भी बताया एक पीढ़ी मुझे नहीं जानती है। अगर कोई मां अपने आठ साल के बच्चे से पूछे कि मुझे पहचाना, तो वे नहीं पहचानते। हेरा फेरी बोलते ही मुस्कुरा देते हैं। आज मैं सुनील शेट्टी नहीं, हेरा फेरी वाला श्याम हूं।

इस फ्रेंचाइजी की पहली फिल्म हेरा फेरी 2000 में और दूसरी फिल्म फिर हेरा फेरी 2006 में रिलीज हुई थी।

इस फ्रेंचाइजी की पहली फिल्म हेरा फेरी 2000 में और दूसरी फिल्म फिर हेरा फेरी 2006 में रिलीज हुई थी।

सुनील शेट्टी ने आज की फिल्मों और हेरा फेरी जैसी क्लासिक फिल्मों के बीच फर्क को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि पुराने समय की कॉमेडी फिल्मों में सिचुएशन से ह्यूमर पैदा होता था, जबकि आज की फिल्मों में सिर्फ वॉट्सऐप वाले जोक्स होते हैं।

सुनील ने कहा, “आजकल की फिल्मों में राइटिंग नहीं होती। वो जोक्स नहीं होते, बस वॉट्सऐप फॉरवर्ड होते हैं, लेकिन हेरा फेरी जैसी फिल्म जोक्स पर नहीं, सिचुएशन पर बनी थी।”



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