Tesla Preparing for its Entry in India, Starts Certification Process of Electric Cars, Elon Musk

Tesla Preparing for its Entry in India, Starts Certification Process of Electric Cars, Elon Musk


बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla जल्द देश में बिजनेस शुरू कर सकती है। बिलिनेयर Elon Musk की इस कंपनी ने सर्टिफिकेशन का प्रोसेस शुरू कर दिया है। हालांकि, देश में टेस्ला की जल्द मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने की संभावना नहीं है। इससे पहले मस्क कह चुके हैं कि भारत में इम्पोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ अधिक होना एक बड़ी मुश्किल है। 

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में टेस्ला ने अथॉरिटीज से सर्टिफिकेशन हासिल करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। शुरुआत में कंपनी की दो इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च की जा सकती हैं। देश में बिजनेस शुरू करने से पहले मस्क इम्पोर्ट टैरिफ में कटौती चाहते हैं। पिछले एक महीने में टेस्ला के शेयर का प्राइस 30 प्रतिशत से अधिक गिरा है। इसके पीछे कंपनी की कमजोर सेल्स एक बड़ा कारण है। इस सप्ताह की शुरुआत में मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनी Starlink ने भारत की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के साथ टाई-अप की जानकारी दी थी। 

हाल ही में अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump ने टेस्ला के मॉडल S को खरीदा है। मस्क ने चुनाव के दौरान ट्रंप की काफी मदद की थी। अमेरिका की सरकार में मस्क को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से मस्क के खिलाफ अमेरिका में माहौल बनाया जा रहा है। भारत में कंपनी का पहला शोरूम मुंबई के ब्रांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में खुल सकता है। कंपनी ने BKC की Maker Maxity बिल्डिंग में लगभग 4,000 स्क्वेयर फुट का स्पेस लीज पर लिया है। इसके लिए लगभग 2.11 करोड़ रुपये का सिक्योरिटीज डिपॉजिट दिया गया है। इस स्पेस का किराया 35.26 लाख रुपये प्रति माह का होगा। 

पिछले महीने प्रधानमंत्री Narendra Modi के अमेरिका दौरे के दौरान मस्क ने उनके साथ मीटिंग की थी। शुरुआत में कंपनी जर्मनी के बर्लिन में अपनी फैक्टरी से EV का इम्पोर्ट कर सकती है। EV की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार नई पॉलिसी पर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष मार्च में सरकार ने विशेष शर्तों के साथ EV के इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 15 प्रतिशत किया था। नई EV पॉलिसी में कार मेकर्स के लिए कारोबार शुरू करने के दूसरे वर्ष के अंदर टर्नओवर को 2,500 करोड़ रुपये करने की जरूरत हो सकती है। इसके साथ ही सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट को बढ़ा सकती है। 
 

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