3 मिनट पहले
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अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआत में लगातार कई फिल्में फ्लॉप हुईं, जिसके चलते वो लगभग बेरोजगार हो गए थे। फिर फिल्म ‘जंजीर’ उनके करियर की टर्निंग पॉइंट बनी।
हाल ही में ‘हुक ग्लोबल’ को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा कि वो और सलीम बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ बनाने का श्रेय नहीं ले सकते। उन्होंने ये जरूर माना कि उन्हें जंजीर के लिए बच्चन को लेने के लिए काफी लड़ाई लड़नी पड़ी थी, क्योंकि उस वक्त उन्हें कॉमर्शियल तौर पर कमजोर माना जाता था।
जावेद अख्तर ने कहा,
बहुत कम लोग थे जो उनका बहुत सम्मान करते थे, तब भी जब उनकी लगातार 11 फिल्में फ्लॉप हो गई थीं, जैसे जया, जो उस समय उसकी पत्नी नहीं थी, लेकिन उस समय जया बहादुरी जानती थीं कि अमिताभ क्या कर सकते हैं। उन्हें उनके टैलेंट पर पूरा भरोसा था। ऋषिकेश मुखर्जी को भी अमिताभ के टैलेंट पर बहुत भरोसा था, इसलिए वो उन्हें बार-बार काम देते रहे।
‘जंजीर’ में अमिताभ के अलावा जया बहादुरी, प्राण, अजीत खान भी थे।
जावेद अख्तर ने ये भी कहा,
हमने उन्हें एक फ्लॉप फिल्म में देखा था, लेकिन हमें दिखा कि यह एक ज्वालामुखी है, जो कभी भी फट सकता है। वह अपनी सबसे खराब फिल्मों में भी बहुत अच्छे थे। फिल्म खराब थी, स्क्रिप्ट खराब थी, डायलॉग और स्क्रीनप्ले भी कमजोर था, लेकिन उनका काम शानदार था। हमें पूरा विश्वास था कि यह एक बड़ा सितारा है जिसे बस सही मौके की तलाश थी।
‘जंजीर’ (1973) को प्रकाश मेहरा ने निर्देशित और निर्मित किया था। फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी।
जावेद अख्तर ने बताया कि उस वक्त अमिताभ बच्चन डॉक्टर, शायर जैसे सौम्य किरदार निभा रहे थे, लेकिन फिल्म ‘परवाना’ में उन्होंने एक डार्क किरदार निभाया था। एक सीन में जब वो ओम प्रकाश पर गुस्सा करते हैं, तो उनकी आंखों में जो आग थी, वो उन्हें चौंका गई। उस इंटेंसिटी को देख वो समझ गए कि वही ‘जंजीर’ के असली विजय हैं।
जंजीर की स्क्रिप्ट सुनाने का किस्सा बताते हुए जावेद ने बताया,
मुझे पूरा भरोसा था कि इस रोल को उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता। हम बस एक बार ही मिले थे। मैंने उन्हें कॉल किया और कहा- ‘एक स्क्रिप्ट है, मिलकर सुनाना चाहता हूं।’ वह तुरंत तैयार हो गए क्योंकि उनके पास काम नहीं था। मैंने पूरी स्क्रिप्ट सुनाई। वह मुझे हैरानी से देखने लगे और बोले- ‘क्या आपको लगता है मैं ये रोल निभा सकता हूं?’ मैंने कहा- ‘इस देश में आपसे बेहतर कोई ये नहीं कर सकता।’
फिल्म में एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर विजय की कहानी दिखाई गई है, जो अपराध के खिलाफ लड़ता है।
फिल्म जंजीर, अमिताभ के करियर की बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद सलीम-जावेद ने ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फिल्में लिखीं जिनमें अमिताभ नजर आए और वो हिंदी सिनेमा के बड़े स्टार बने।