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Anurag Kashyap got angry on the government and CBFC | सरकार और CBFC पर भड़के अनुराग कश्यप: ‘फुले’ विवाद से गुस्से में डायरेक्टर, फिल्म पर जातिवाद फैलाने के आरोप लगाए गए

Anurag Kashyap got angry on the government and CBFC | सरकार और CBFC पर भड़के अनुराग कश्यप: ‘फुले’ विवाद से गुस्से में डायरेक्टर, फिल्म पर जातिवाद फैलाने के आरोप लगाए गए


27 मिनट पहले

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एक्टर-डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में अनुराग कश्यप ने सरकार और सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर जमकर निशाना साधा है।

दरअसल, प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर फिल्म फुले विवादों में घिरी हुई है। समाज सुधारक जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर बनी इस फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया था। फिल्म पहले 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी। फिल्म पर जातिवाद फैलाने के इल्जाम लगाए गए।

विवादों के चलते फिल्म की रिलीज डेट 25 अप्रैल कर दी गई है। वहीं, सीबीएफसी ने इसे ‘यू’ सर्टिफिकेट दिया है। सेंसर बोर्ड ने मेकर्स को इसमें कई बदलाव करने के लिए भी कहा। फिल्म की रिलीज टालने को लेकर अनुराग कश्यप भड़क गए हैं।

सरकार और CBFC पर भड़के अनुराग

अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया और उसमें सरकार को आड़े हाथों लिया। डायरेक्टर ने लिखा, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर ‘संतोष’ भी भारत में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भैया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है, तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप। आपकी क्यों सुलग रही हैं, जब कास्ट सिस्टम था नहीं, तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थीं। या तो आप का ब्रह्मवाद अस्तित्व में ही नहीं है, क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम ही नहीं है? या सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हो। भाई, मिलकर फैसला कर लो। भारत में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं, आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं जो ऊपर बैठे हैं, निर्णय लो।

इंस्टाग्राम पर शेयर की कई स्टोरी और पोस्ट

अनुराग ने एक स्टोरी शेयर कर लिखा, ‘मेरी जिंदगी का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले पर था। भाई, अगर इस देश में कास्ट सिस्टम नहीं होता, तो उनको क्या जरूरत थी लड़ने की। अब ये ब्राह्मण लोगों को शर्म आ रही है या वो शर्म में मरे जा रहे हैं या फिर एक अलग ब्राह्मण भारत में जी रहे हैं, जो हम देख के नहीं देख पा रहे हैं। बेवकूफ कौन है यह कोई तो समझाए।

भारत में और कितनी फिल्में ब्लॉक होंगी?

अनुराग ने एक और स्टोरी शेयर कर लिखा, ‘पंजाब 95’, ‘तीस’, ‘धड़क 2’, ‘फुले’ मुझे नहीं पता कि जातिवादी, क्षेत्रवादी, नस्लवादी सरकार के एजेंडे को एक्सपोज करने वाली कितनी फिल्मों को ब्लॉक कर दिया गया। उन्हें अपना चेहरा आईने में देखने में शर्म आती है। उन्हें शर्म आती है कि वे खुलकर ये भी नहीं बता सकते कि फिल्म में ऐसा क्या है, जो उन्हें परेशान कर रहा है, डरपोक कहीं के।

फिल्म में से हटाए गए कई शब्द

बता दें, फिल्म में सेंसर बोर्ड ने कई बदलाव करने के लिए मेकर्स को कहा था। फिल्म से ‘मांग’, ‘महर’, ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों को हटवाया गया। साथ ही ‘3000 साल पुरानी गुलामी डायलॉग को भी बदलकर ‘कई साल पुरानी गुलामी’ करवा दिया गया था। फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है।

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