Aruna Irani became emotional on the death of Manoj Kumar | मनोज कुमार के निधन पर भावुक हुईं अरुणा ईरानी: बोलीं- अंतिम दिनों में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई, लंग्स में पानी भर जाता था

Aruna Irani became emotional on the death of Manoj Kumar | मनोज कुमार के निधन पर भावुक हुईं अरुणा ईरानी: बोलीं- अंतिम दिनों में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई, लंग्स में पानी भर जाता था


7 मिनट पहले

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मनोज कुमार का शुक्रवार को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 साल के थे। उनके निधन के बाद अरुणा ईरानी ने बताया कि अंतिम दिनों में एक्टर की तबीयत काफी बिगड़ गई थी, उनके लंग्स में पानी भर गया था।

मनोज कुमार के निधन पर भावुक हुईं अरुणा ईरानी

मनोज कुमार के निधन के बाद अरुणा ईरानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान अरुणा ने दुख व्यक्त किया और एक्टर के साथ काम करने का एक्सपीरियंस शेयर किया।

अरुणा ईरानी ने कहा, ‘वह मेरे गुरु थे। मैंने अपनी पहली फिल्म उपकार उनके साथ की थी और वह एक सच्चे और अच्छे व्यक्ति थे। वह एक बेहतरीन एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे। उनकी वाइफ भी काफी अच्छी इंसान थीं और फिल्मों की शूटिंग के दौरान वे हमारी काफी हेल्प करती थीं। मैं मनोज कुमार की लगभग सभी फिल्मों का हिस्सा थी। अगर उन्होंने दस फिल्में कीं, तो मैं उनमें से कम से कम नौ में थी। मेरा मानना है कि जब हम किसी के साथ काम करते हैं, तो हम उन्हें न केवल उनके काम के लिए बल्कि उनके साथ बिताए समय के लिए भी याद करते हैं।’

मनोज कुमार ने अरुणा ईरानी को साल 1967 में फिल्म उपकार में लॉन्च किया था। अरुणा ने मनोज कुमार के साथ उपकार (1967), रोटी कपड़ा और मकान (1974) और पत्थर के सनम (1967) जैसी कई फिल्मों में काम किया।

मनोज कुमार ने अरुणा ईरानी को साल 1967 में फिल्म उपकार में लॉन्च किया था। अरुणा ने मनोज कुमार के साथ उपकार (1967), रोटी कपड़ा और मकान (1974) और पत्थर के सनम (1967) जैसी कई फिल्मों में काम किया।

उनके लंग्स में पानी भर जाता था- अरुणा ईरानी

मनोज कुमार की हेल्थ के बारे में बात करते हुए अरुणा ने कहा, कोई भी समय और उम्र के खिलाफ नहीं जा सकता। वह काफी लंबे समय से बीमार थे। कुछ महीने पहले मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया था और मुझे भी उसी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जिसमें वह भी थे। लेकिन, मैं अपनी चोट की वजह से उनसे नहीं मिल पाई। मुझे याद है कि उनके फेफड़ों में पानी भर जाता था और वह इलाज के लिए आते थे, कुछ दिन रुकते थे और फिर घर वापस चले जाते थे। अरुणा ने भावुक होकर कहा, हम उन्हें बहुत याद करेंगे, लेकिन एक न एक दिन हम सभी को जाना ही है।’

मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन

मनोज कुमार विशेष रूप से अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते थे। उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता था। उपकार, पूरब-पश्चिम, क्रांति, रोटी-कपड़ा और मकान उनकी बेहद कामयाब फिल्में रहीं।

कल होगा मनोज कुमार का अंतिम संस्कार

मनोज कुमार का अंतिम संस्कार कल सुबह 11 बजे मुंबई के पवनहंस श्मशान घाट पर होगा। मनोज कुमार काफी समय से लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें 21 फरवरी 2025 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मनोज कुमार को 7 फिल्म फेयर पुरस्कार मिले थे। पहला फिल्म फेयर 1968 में फिल्म उपकार के लिए मिला था। उपकार ने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्म फेयर जीते। 1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2016 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।

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