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Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy, said- i dont speak marathi, throw me out of maharashtra | मराठी विवाद पर भोजपुरी स्टार निरहुआ का ओपन चैलेंज: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ

Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy, said- i dont speak marathi, throw me out of maharashtra | मराठी विवाद पर भोजपुरी स्टार निरहुआ का ओपन चैलेंज: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ


33 मिनट पहले

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महाराष्ट्र में मराठी भाषा पर जमकर विवाद हो रहा है। इसी बीच भोजपुरी स्टार निरहुआ ने ओपन चैलेंज दिया है कि वो मराठी नहीं बोलेंगे, जिसमें भी दम है वो उन्हें महाराष्ट्र से निकालकर दिखाए।

अपकमिंग फिल्म हमारा नाम बा कन्हैया के प्रमोशन के दौरान एक्टर और बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने कहा, ‘जो लोग ऐसा करते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि ये गंदी राजनीति है। देश के किसी भी हिस्से में ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसी गंदी राजनीति करने वालों को ऐसा करने से बचना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।’

‘ये देश इसी बात के लिए जाना जाता है कि यहां अलग-अलग भाषा है। अलग-अलग कल्चर है। उसके बाद भी अनेकता में एकता है। यही हमारे देश का कल्चर है। यही खूबी है। मुझे लगता है कि जो भी लोग इस तरह की गंदी राजनीति करते हैं उन्हें संभल जाना चाहिए। ये तोड़ने की राजनीति है। आप राजनीति करिए, लेकिन तोड़ने की नहीं जोड़ने की।’

‘किसी में दम है तो हमको महाराष्ट्र से निकाल कर दिखाएं। मैं नहीं बोलता हूं मराठी। मुझे निकाल के दिखाओ। किसी भी नेता को खुला चैलेंज देता हूं कि तुम्हारे अंदर दम है तो मैं खुला चैलेंज देता हूं कि मैं मराठी नहीं बोलता हूं मुझे निकालकर दिखाओ। मैं यहीं रहता हूं।’

दिनेश लाल यादव भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।

दिनेश लाल यादव भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।

आगे जब निरहुआ से पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र में मराठी कम्पल्सरी होनी चाहिए, तो उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल नहीं। देखिए अगर किसी की क्षमता है कि वो एक दो तीन चार पांच भाषा सीख सकता है तो सीखे, क्योंकि मराठी बहुत अच्छी भाषा है। बहुत प्यारी भाषा है। भोजपुरी जैसे प्यारी भाषा है। गुजराती है, मराठी है, तेलुगु है, तमिल है, कन्नड़ है। सारी भाषाओं की अपनी खूबसूरती है। तो वो सबको सीखना चाहिए। अगर क्षमता है तो सीखो, लेकिन अगर नहीं सीख सकते तो कोई जरूरी नहीं है। किसी से जबरदस्ती नहीं करना चाहिए। यह गंदी राजनीति है। ऐसा नहीं होना चाहिए।’

बताते चलें कि महाराष्ट्र में मराठी न बोलने पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई दुकानों के हिंदी और दूसरी भाषाओं वाली होर्डिंग्स से तोड़फोड़ की गई और कई लोगों से मराठी न बोलने पर मारपीट की जा रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लोगों के कई वीडियोज सामने आए हैं, जिनमें वो आम जनता को धमकाते हुए नजर आए हैं।



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