Indian Telcos Struggle with 5G Monetisation 6G Launch May Delayed Due to Poor ROI COAI All Details

Indian Telcos Struggle with 5G Monetisation 6G Launch May Delayed Due to Poor ROI COAI All Details


5G सर्विस से रेवेन्यू जनरेट न होने और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को कम रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (RoI) मिलने के कारण 6G टेक्नोलॉजी के लॉन्च में देरी हो सकती है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के डायरेक्टर जनरल एस पी कोचर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाल ही में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (MWC) 2025 में इस विषय पर गहन चर्चा हुई, जहां यह बात सामने आई कि टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का भार कम करने के लिए कम्युनिकेशन ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स से योगदान लेना चाहिए। श्री कोचर का कहना यदि अगले 2-3 सालों में 5G के ठोस यूज केस सामने नहीं आते, तो 6G सर्विस की लॉन्चिंग 2030 के बाद खिसक सकती है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, श्री कोचर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, भारत में टेलीकॉम कंपनियों का औसत RoI केवल 4% है, जिससे उनके लिए बड़े पैमाने पर नए निवेश करना मुश्किल हो रहा है। COAI रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vi) जैसी निजी टेलीकॉम कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। संगठन का मानना है कि OTT सर्विस द्वारा जनरेट हुए भारी डेटा ट्रैफिक के कारण टेलीकॉम कंपनियों को अपने नेटवर्क बनाए रखने के लिए बड़े निवेश करने पड़ रहे हैं। ऐसे में 4-5 बड़े ट्रैफिक जनरेटिंग ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ‘फेयर शेयर चार्ज’ (FSC) के रूप में टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान करना चाहिए।

उन्होंने आगे बताया कि MWC में कई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर सहमति जताई कि हाल के वर्षों में मुनाफे की कमी के कारण 11 टेलीकॉम ऑपरेटर बंद हो चुके हैं और यह संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अभी तक ग्लोबल लेवल पर टेलीकॉम कंपनियों के साथ रेवेन्यू शेयर नहीं कर रहे हैं। यूरोप, अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी इस मांग को लेकर समर्थन बढ़ रहा है।

ग्लोबल मोबाइल इंडस्ट्री बॉडी GSMA के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों ने कुल नेटवर्क निवेश का 85% (करीब 109 बिलियन डॉलर) खर्च किया है, जिसमें एंड-यूजर डिवाइसेज शामिल नहीं हैं। साथ ही, जीपीयू और AI जैसी टेक्नोलॉजी पर बढ़ता खर्च और 5G के तत्काल मोनेटाइजेशन का न होना भी चिंता का विषय है।

अपने प्रेस ब्रीफ में श्री कोचर ने आगे बताया कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियां ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPU) के लिए ऑर्डर दे चुकी हैं और जल्द ही इन्हें अपने नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल करेंगी। GPU का यूज बड़े पैमाने पर डेटा एनालिटिक्स, नेटवर्क ऑप्टिमाइजेशन और AI-ड्रिवन सर्विस को मैनेज करने के लिए किया जा रहा है। उनके मुताबिक, AI के जरिए टेलीकॉम नेटवर्क की एफिशिएंसी बढ़ रही है और अनावश्यक खर्च भी कम हो रहे हैं।

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *