41 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र
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शाहरुख खान की ‘डंकी’ जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके एक्टर विक्रम कोचर की फिल्म ‘सो लॉन्ग वैली’ 25 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान विक्रम ने बताया कि जरूरी नहीं कि बड़े बैनर ही हर फिल्म बनाएं।
एक्टर की माने तो नए मेकर्स की फिल्मों को भी अच्छे प्लेटफार्म मिलने चाहिए। ताकी उनकी कहानियां लोगों तक पहुंचे। बातचीत के दौरान एक्टर ने अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में कुछ बातें शेयर कीं। पेश है कुछ खास अंश..
सवाल- एक तरह आप शाहरुख खान जैसे बड़े स्टार और राजकुमार हिरानी जैसे डायरेक्टर के साथ काम करते हैं तो वहीं नए मेकर्स की भी फिल्में करते हैं?
जबाव- देखिए, हर फिल्म राजकुमार हिरानी साहब की नहीं हो सकती है। जरूरी नहीं कि यशराज और धर्मा प्रोडक्शन ही हर फिल्म बनाएं। ये लोग बड़े प्रोड्यूसर हैं। इसके पास फंड की कमी नहीं होती है। इसके पास बड़े स्टार्स होते हैं। इनकी फिल्में बड़े आराम से रिलीज हो जाती हैं।
कुछ नए मेकर्स होते हैं, जिनके पास कहानियां बहुत अच्छी होती हैं, लेकिन उनके पास बजट नहीं होता है। फिल्म रिलीज होने में बहुत दिक्कत होती है। फिल्म का चलना या ना चलना अलग बात है, लेकिन मेरा मानना है कि उनकी कहानियां भी लोगों तक पहुंचनी चाहिए।
सवाल- ‘सो लॉन्ग वैली’ में आपको क्या खास बात नजर आई?
जवाब- इस फिल्म की कहानी बहुत अच्छी है। मैं थिएटर बैकग्राउंड से आया हूं। मुझे कहानियां बहुत अपील करती हैं। मैं पर स्क्रिप्ट पर बहुत ध्यान देता हूं। रही बात बजट की तो वह ऊपर नीचे होता रहता है।
सवाल- इस फिल्म के लिए आपको कैसे अप्रोच किया गया?
जवाब- इस फिल्म का ऑफर मुझे ‘डंकी’ से पहले मिला था। एक कास्टिंग डायरेक्टर ने फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर मान सिंह के बारे में बताया कि उन्होंने एक कहानी लिखी है, उसे आप एक बार सुन लो। पैसों के बारे में बात करने से पहले मैं कहानी सुनता हूं। उसके बाद बताता हूं कि कितने पैसे चार्ज करूंगा। कई बार लोगों के पास बहुत कहानियां अच्छी होती हैं, लेकिन उनके पास बजट नहीं होता है। वेब सीरीज ‘चूना’ की शूटिंग खत्म हो चुकी थी। तब इस फिल्म का ऑफर आया था। कहानी बहुत इंटरेस्टिंग लगी। मुझे लगा कि इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहिए।
सवाल- यह किस तरह की फिल्म है?
जवाब- यह साइको थ्रिलर फिल्म है। मैंने इसमें एक टैक्सी ड्राइवर की भूमिका निभाई है। वह एक फीमेल पैसेंजर को मनाली से शिमला की तरफ लेकर जाता है। इन दोनों के आपस में ईगो टशन हैं। कुछ ऐसी सिचुएशन आती है कि पुलिस केस हो जाता है। इसमें तीन पैरेलल कहानियां हैं, जिनकी समाज में अपनी-अपनी विडंबना है, लेकिन तीनों कहानियां एक ही किस्से से जुड़ी हैं।
सवाल- शूटिंग के दौरान कोई ऐसा दिलचस्प वाकया जिसके बारे में कुछ बताना चाहें?
जवाब- फिल्म में एक सीक्वेंस हैं, जहां मैं आकांक्षा पुरी को पकड़कर ले जाता हूं और गांव के एक कमरे में बंद कर देता हूं। वहां वैनिटी वैन की कोई सुविधा नहीं थी। शूटिंग खत्म होने से पहले बर्फबारी शुरू हो गई। फिसलन की वजह से गाड़ियां ढलान के नीचे नहीं जा सकती थी। हमलोग वहां फंस गए। उस गांव में पहाड़ी के ऊपर सिर्फ 3-4 घर थे। रहने और खाने का कोई इंतजाम नहीं हो रहा था। फिर वहां रात भर शूटिंग करते रहे।