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maa writer saiwyn quadras interview | ‘दुर्गा पूजा से प्रेरित होकर लिखी ‘मां’ की स्क्रिप्ट’: फिल्म के लेखक साईविन क्वाड्रास ने बताया – काजोल ने हर सीन में जी-जान से एक्टिंग की

maa writer saiwyn quadras interview | ‘दुर्गा पूजा से प्रेरित होकर लिखी ‘मां’ की स्क्रिप्ट’: फिल्म के लेखक साईविन क्वाड्रास ने बताया – काजोल ने हर सीन में जी-जान से एक्टिंग की


2 घंटे पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय

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एक्ट्रेस काजोल हाल ही में फिल्म ‘मां’ में नजर आईं। यह फिल्म एक पौराणिक हॉरर कहानी है, जिसे विशाल फुरिया ने डायरेक्ट किया है। कहानी में दिखाया गया है कि एक मां अपने बच्चे को अलौकिक शक्तियों से बचाने के लिए किसी भी हद तक जाती है। इसे अजय देवगन, ज्योति देशपांडे और जियो स्टूडियो ने मिलकर बनाया है। फिल्म में रोनित रॉय, इंद्रनील सेनगुप्ता और कई कलाकार सहायक भूमिकाओं में हैं।

फिल्म 'मां' 27 जून 2025 को हिंदी, तमिल, तेलुगु और बंगाली में रिलीज हुई।

फिल्म ‘मां’ 27 जून 2025 को हिंदी, तमिल, तेलुगु और बंगाली में रिलीज हुई।

वहीं, फिल्म को अजीत जगताप, आमील कियान खान और साईविन क्वाड्रास ने लिखा है। हाल ही में लेखक साईविन क्वाड्रास ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने यह कहानी पूरी तरह से काजोल को ध्यान में रखकर लिखी थी।

सवाल: ​​​​​​फिल्म ‘मां’ की स्क्रिप्ट लिखने की प्रेरणा कहां से मिली?

जवाब:​​​​​​​ फिल्म ‘मैदान’ पर काम करते समय मेरी अजय देवगन से अक्सर मुलाकात होती थी। उसी दौरान अजय ने काजोल के लिए एक हॉरर कहानी लिखने का सुझाव दिया। उस समय मेरे पास कोई विचार नहीं था, लेकिन जुहू से लोखंडवाला जाते समय दिमाग में एक आइडिया आया। मुंबई में दुर्गा पूजा के दौरान काजोल मैम सभी पंडालों में जाती हैं। दुर्गा मां के प्रति उनकी श्रद्धा बहुत गहरी है। दुर्गा मां ममता का प्रतीक हैं, लेकिन बच्चे को बचाने के लिए मां काली का रूप भी धारण कर लेती हैं। मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि दुर्गा मां से काली मां कैसे बनना है।

सवाल: बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों से प्रेरित होकर यह कहानी गढ़ी? जवाब: आज बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों से प्रेरित होकर मैंने इस विचार को एक हॉरर कहानी में ढाला। फिर अजय को आइडिया सुनाया – ‘एक मां है, जो अपनी बच्ची को बचाने के लिए कमजोर है। अब मां कैसे अपने बच्चे को बचाएगी? वह क्या रूप धारण करेगी? क्या वह अपनी बच्ची को बचा पाएगी या नहीं?’ अजय को यह विचार पसंद आया और उन्होंने काजोल को यह कहानी सुनाने को कहा। काजोल को भी यह विचार बहुत पसंद आया और उन्होंने मुझे तुरंत स्क्रिप्ट लिखने के लिए कहा।

साइविन क्वाड्रास ने 'नीरजा', 'मैदान' और 'परमाणु' जैसी फिल्में लिखी हैं।

साइविन क्वाड्रास ने ‘नीरजा’, ‘मैदान’ और ‘परमाणु’ जैसी फिल्में लिखी हैं।

स्क्रिप्ट लिखने के लिए मुझे एक महीने का समय दिया गया, जबकि वह अमेरिका जा रही थीं। एक महीने में पूरी स्क्रिप्ट लिखना मुश्किल था, लेकिन कहानी मेरे दिमाग में साफ थी। इसलिए मैंने जल्दी ही पहला हाफ पूरा कर लिया। अगस्त 2023 में कहानी पर बात शुरू हुई और नवंबर 2023 तक पूरी स्क्रिप्ट तैयार हो गई। इसके बाद विशाल फुरिया निर्देशक के तौर पर जुड़े और 19 फरवरी 2024 को शूटिंग शुरू हुई।

सवाल: 45 से 50 दिनों में पूरी हुई शूटिंग, क्लाइमैक्स शूट में अजय भी शामिल थे? जवाब: फिल्म की शूटिंग मुंबई, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के बोलपुर में हुई। मुंबई में लगभग 25 दिन और कोलकाता तथा पश्चिम बंगाल में करीब 20 दिन शूटिंग चली। कुल मिलाकर फिल्म की शूटिंग 45 से 50 दिनों में पूरी हुई। शूटिंग का पहला शेड्यूल फरवरी 2024 से मई 2024 तक चला। लगभग 15 दिनों का पैचवर्क नवंबर 2024 और जनवरी 2025 में किया गया। क्लाइमैक्स शूट में अजय भी शामिल थे और इसे पूरा करने में 10 दिन लगे।

साईविन क्वाड्रास को 2017 में फिल्म 'नीरजा' के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

साईविन क्वाड्रास को 2017 में फिल्म ‘नीरजा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

काजोल ने हर सीन में अपना 100 प्रतिशत दिया। फिल्म में हॉरर के साथ-साथ पौराणिक कथाएं और एक सामाजिक संदेश भी है। शायद यही वजह है कि काजोल ने इसे करने के लिए हां कहा। फिल्म में वह भावनात्मक रूप से चार्ज्ड, मनोवैज्ञानिक रूप से टूटी हुई और एक्शन करती नजर आएंगी।

सवाल: इस फिल्म का संदेश क्या है? जवाब: काजोल ने लेखक और निर्देशक पर भरोसा करते हुए हर सीन को बिना झिझक निभाया और हर फ्रेम में अपना जी-जान लगा दिया। अजय ने भी कहानी की क्षमता को समझा और हमें पूरा सपोर्ट किया। जब अजय जैसे निर्माता किसी कहानी को बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो सारी चीजें सही दिशा में जाती हैं। रही बात इस फिल्म की अगली कड़ी की तो वह फिल्म की सफलता और निर्माता की इच्छा पर निर्भर करेगी। इस फिल्म का संदेश यही है कि ‘मां से बड़ा कोई भगवान नहीं होता।

दूसरा संदेश यह है कि कभी मां को गुस्सा मत दिलाइए। दुनिया को मां के साथ पंगा नहीं लेना चाहिए। यह फिल्म मां की ममता के उस रूप को दिखाती है जो अपने बच्चे को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

सवाल: आप अभी किस नई फिल्म पर काम कर रहे हैं?

जवाब: मैं कलाम साहब की बायोपिक लिख रहा हूं। इसके लिए उनकी किताबें पढ़ रहा हूं और उनसे जुड़े लोगों से मुलाकात भी कर रहा हूं। इस फिल्म की घोषणा हाल ही में कांस में हुई है और इसे ‘तान्हाजी’ फेम ओम राउत निर्देशित करेंगे।

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