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PM Modi Discusses Technology And innovation Collaboration With Tesla Chief Elon Musk

PM Modi Discusses Technology And innovation Collaboration With Tesla Chief Elon Musk


अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के चीफ, Elon Musk के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जैसे मुद्दों पर बातचीत की है। हाल ही में अमेरिका के दौरे के दौरान मोदी की मस्क के साथ मीटिंग हुई थी। टेस्ला के अलावा रॉकेट कंपनी Spacex का कंट्रोल भी मस्क के पास है। 

मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया, “मस्क के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई है। इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में हुई मीटिंग में शामिल विषय भी इस बातचीत में शामिल थे।” मोदी ने कहा, “टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए संभावना पर हमने चर्चा की है। इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ भागीदारी को आगे बढाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।” अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump की सरकार में मस्क को सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। ट्रंप ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की कमान सौंपी है। इस डिपार्टमेंट का टारगेट सरकार के खर्च को घटाना और सरकारी कर्मचारियों की संख्या में कमी करना है। 

टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की जल्द भारत में बिक्री शुरू हो सकती है। टेस्ला ने देश में अपना पहला शोरूम मुंबई में खोलने की तैयारी की है। भारत में टेस्ला ने अथॉरिटीज से सर्टिफिकेशन हासिल करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। कंपनी की दो इलेक्ट्रिक कारें शुरुआत में लॉन्च की जा सकती हैं। देश में बिजनेस शुरू करने से पहले मस्क की नजर इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी पर है। 

सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने वाली मस्क की कंपनी Starlink भी जल्द भारत में बिजनेस शुरू कर सकती है। हाल ही मेंकेंद्र सरकार की ओर से स्टारलिंक को एक पॉजिटिव संकेत मिला था। टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने कहा था कि दूरदराज के क्षेत्रों तक इंटरनेट को पहुंचाने के लिए इस सर्विस की जरूरत है। स्टारलिंक ने देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों Reliance Jio और Bharti Airtel के साथ टाई-अप किया है। सिंधिया ने कहा था, “देश में ऐसे कई दूरदराज के क्षेत्र हैं जहां फाइबर या मोबाइल कनेक्टिविटी को नहीं पहुंचाया जा सकता। आपके पास अगर सैटेलाइट इंटरनेट नहीं होगा तो आप 100 प्रतिशत कवरेज तक कैसे पहुंचेंगे?” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्राकृतिक आपदाओं से टावर्स और फाइबर नेटवर्क को नुकसान होता है तो सैटेलाइट कनेक्टिविटी ही एकमात्र तरीका है। 

 

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