ED Partners with CoinDCX for Custody of Seized Currencies in Cases of fraud, Bitcoin, Ether

ED Partners with CoinDCX for Custody of Seized Currencies in Cases of fraud, Bitcoin, Ether


पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इन मामलों में जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी को रखने के लिए एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX के साथ टाई-अप किया है। ED ने फ्रॉड के मामलों की जांच के दौरान बड़ी रकम की क्रिप्टोकरेंसीज को जब्त किया है। इस क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षित तरीके से स्टोरेज के लिए यह एग्रीमेंट किया गया है। 

पिछले कुछ महीनों में ED ने गैर कानूनी क्रिप्टो फर्मों पर शिकंजा कसा है। सेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के पास रजिस्ट्रेशन भी कराया है। ED की मदद के लिए CoinDCX एडवांस्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स में प्रशिक्षित एक टीम को लगाएगा। जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसीज को मल्टी-सिग्नेचर और मल्टी-पार्टी कंप्यूटेशन (MPC) वॉलेट्स में स्टोर किया जाएगा। मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट्स में विड्रॉल के लिए एक से अधिक कीज की जरूरत होती है, जबकि MPC वॉलेट्स में डिवाइसेज पर एक से अधिक शार्ड्स को एक प्राइवेट की डिस्ट्रीब्यूट की जाती है। इन दोनों तरीकों से क्रिप्टो वॉलेट्स की सिक्योरिटी बढ़ती है। 

हालांकि, ED ने यह नहीं बताया है कि CoinDCX की निगरानी में कितनी रकम की क्रिप्टोकरेंसी रखी जाएगी। हाल ही में ED ने देश के क्रिप्टो से जुड़े एक फ्रॉड के मामले में दिल्ली, मुंबई और जयपुर में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत छापे मारे थे। यह मामला क्रिप्टो एक्सचेंज की नकली वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी से जुड़ा था। 

ED ने बताया था कि यह फ्रॉड लगभग 600 करोड़ रुपये का है। यह जांच समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद शुरू की गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि एक भारतीय नागरिक Chirag Tomar को सैंकड़ों लोगों के साथ ठगी के लिए अमेरिका में जेल की सजा मिली है। इस मामले में क्रिप्टो एक्सचेंज Coinbase की नकली वेबसाइट बनाकर ठगी की गई थी। इसमें पीड़ितों के लॉगिन से जुड़ी डिटेल्स एंटर करने पर नकली वेबसाइट गलत जानकारी दिखाती थी, जिससे यूजर्स इस वेबसाइट पर दिए फोन नंबर पर संपर्क करते थे। यह फोन एक कॉल सेंटर का था जिसे तोमर और उसके साथी चलाते थे। ये लोग पीड़ितों के क्रिप्टोकरेंसी एकाउंट का एक्सेस लेने के बाद उनकी होल्डिंग्स अपने क्रिप्टो वॉलेट्स में ट्रांसफर करते थे। 

 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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