अश्विनी वैष्णव ने इस दौरान चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में Hyperloop के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स तैयार करने की योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लाइव डेमो दिखाते हुए लिखा, “एशिया का सबसे लंबा Hyperloop ट्यूब (410 मीटर)… जल्द ही बनेगा दुनिया का सबसे लंबा।”
रेल मंत्रालय ने मई 2022 में IIT मद्रास को Hyperloop तकनीक के स्वदेशी विकास और वैलिडेशन के लिए 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस प्रोजेक्ट के सकारात्मक नतीजों पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि पूरा टेस्टिंग सिस्टम भारत में ही तैयार किया गया है। उन्होंने IIT मद्रास के युवा इनोवेटर्स को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
IIT मद्रास पिछले सात वर्षों से Hyperloop रिसर्च में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहां के डिस्कवरी कैंपस में 422 मीटर का स्टूडेंट-रन Hyperloop टेस्ट ट्रैक भी ऑपरेशनल है। हाल ही में संस्थान ने एशिया की पहली ग्लोबल Hyperloop प्रतियोगिता भी आयोजित की, जिसे भारत सरकार और रेल मंत्रालय का समर्थन मिला।
इस बीच, IIT मद्रास के इनक्यूबेटेड डीप-टेक स्टार्टअप TuTr Hyperloop अगले महीने भारत में दुनिया की पहली कॉमर्शियल Hyperloop टेक्नोलॉजी-बेस्ड प्रोजेक्ट लॉन्च करने की तैयारी में है।
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