Google Tax को 2016 में लागू किया गया था और 2020 में इसका दायरा बढ़ाया गया, जिससे बड़ी विदेशी डिजिटल कंपनियों को भारत में राजस्व कमाने पर अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता था। अमेरिका इसे “भेदभावपूर्ण” मानता था, क्योंकि भारतीय कंपनियों पर यह टैक्स नहीं लगता था। इस फैसले के बाद, भारत में विदेशी टेक कंपनियों के विज्ञापन कारोबार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका ने 2 अप्रैल से डिजिटल टैक्स लगाने वाले देशों पर व्यापारिक जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2025 तक ट्रेड डील और 2030 तक $500 बिलियन का बायलेट्रल ट्रेड टार्गेट तय किया था। भारत में इन दिनों USTR ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बातचीत कर रहा है, जिससे यह फैसला और महत्वपूर्ण हो जाता है।
Toi के मुताबिक, भारत सरकार ने कुछ डिजिटल कंपनियों के लिए इनकम टैक्स छूट भी हटाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय टैक्स विवादों को हल करने की कोशिश की जाएगी। इस फैसले से भारत को संभावित अमेरिकी टैरिफ से बचने में मदद मिलेगी और टेक इंडस्ट्री में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
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