अली बाबा चालीस चोर ali baba chalish chorncert hindi kahani

एक गांव में दो भाई रहते थे। एक का नाम मीरकासिम और दूसरे का नाम अली खान था, अली खान छोटा भाई था लोग इसे अलीबाबा कहकर भी बुलाते थे। मीरकासिम बहुत ही धनवान था और अलीबाबा बहुत ही निर्धन था। अलीबाबा लकड़ी काटकर लाता था और उसे बेचकर अपना जीवन यापन करता था।

एक दिन की बात है जब अलीबाबा पेड़ से लकड़ी काट रहा था तो उसे घोड़े के पैरों की आवाज दूर से आते हुए सुनाई दी। अलीबाबा सहम गया और काफी डर गया, फिर भी वह लकड़ी काटता रहा। जब घोड़े उसके पास से गुजरने वाले थे तब वह पेड़ की पत्तियों में छिप गया और सबकुछ देखता रहा। उसने देखा कि चालीस (chalis) चोर अपने अपने घोड़े पर कुछ लादकर लेकर जा रहे हैं। वह एक गुफा के पास सभी ठहरे और कहा “खुल जा सिम सिम” और फिर गुफा का दरवाजा खुल गया। सभी चोर गुफा के अंदर चले गये और अपना अपना सामान सुरक्षित रख दिया। पुनः घण्टो के बाद सब चोर शहर में चोरी करने चले गए। इसके बाद अलीबाबा पेड़ से उतर कर साहस के साथ उस गुफा के पास गया और उसने भी वही शब्द कहा, “खुल जा सिम सिम” और गुफा का चट्टान आवाज़ करते हुए हट गया और इस तरह गुफा का दरवाजा खुल गया। उसने अंदर प्रवेश किया तो देखा कि सोना, चांदी, हीरा – मोती एवं बहुत से अशर्फी पड़ा हुआ था। उसने लकड़ियों की जगह बोर में कुछ अशर्फी डालकर गुफा के बाहर आया और कहा “बंद हो जा सिम सिम” इससे गुफा का दरवाजा बंद हो गया। जब अलीबाबा घर आया तो  पत्नी अशर्फियाँ देखकर खुश हो गई और उसे तौलने के लिए बड़े भाई के घर से तराजू मांगकर लायी। मीरकासिम की पत्नी बहुत तेज थी, उसने सोचा जरूर कोई बात है, इसलिए तराजू के नीचे की तरफ मोम रख दिया जिससे तराज़ू में जो तोले उसमे से कुछ चिपक जाए अशर्फी का एक छोटा सा टुकड़ा तराज़ू से चिपका रह गया। उसने अपने पती से कहा तुम अलीबाबा से पता कर अशर्फियाँ ले आओ। अलीबाबा से पूछने पर सारी बात बता दी और सावधान भी रहने को कहा। मीरकासिम उसी जंगल में पहुंच गया और कहा “खुल जा सिम सिम” कहा तो गुफा का दरवाजा खुल गया। अंदर जाकर खूब सारा अशर्फियाँ, सोना और चांदी भर कर रखा। तब तक गुफा का दरवाजा बंद हो चुका था, और वो दरवाजा खोलने का मंत्र भी भूल चुका था। इतने में चोरों का झुंड घोड़े पर सवार होकर आ गए  जब गुफा का दरवाजा खुला तो देखा कि काफी सारी अशर्फियाँ, सोना और चांदी इत्यादि बोर में भर कर रखा। यह देखकर चोरों के सरदार ने कहा कि किसने साहस किया कि हमारा सामान ले जाने का। जल्द से जल्द उस आदमी को पकड़ कर लाओ। सभी ने खोजना सुरु किआ और मीरकासिम को पकड़ लाया, जो दरवाजे के पीछे छिपा था।

सरदार ने मीरकासिम के तीन टुकड़े कर डाले और दरवाजे पर लटका दिया। जिससे कि कोई देखे तो भय से कांप उठे। जब मीरकासिम संध्या एवं रात्रि तक घर वापस नहीं लौटा तब उनकी पत्नी अलीबाबा से पूछताछ करने को गयी। यह सब सुनकर अलीबाबा स्तब्ध रह गये और अपने भाई का पता लगाने उसी जंगल में पहुंच गए। जब उसने उस गुफा के दरवाजा खोला तो अपने भाई को सामने लटके हुए देखा। उस दिन अलीबाबा वहां से कुछ भी लेकर नहीं आए सिवाय अपने भाई के शव के। घर आकर उसने सबको रोने धोने से मना कर दिया। एक दर्जी को दो अशर्फी देकर कफन सिलने को तैयार किया , परंतु दर्जी से एक शर्त रखी कि मैं तुम्हें अपने घर आंखों पर पट्टी बांधकर ले जाऊंगा और सिलाई के समय खोल दूंगा। पुनः आते समय पट्टी बांधकर वापस भेज दूंगा। दर्जी तैयार हो गया। 

परंतु चोरों के सरदार ने यह पता लगाना चाहा कि कोन इतना चालक आदमी है की वह मृतक शरीर को भी ले गया? सरदार ने दर्जी के द्वारा अलीबाबा के घर का पता तो लगा ही लिया। और अलीबाबा के घर पर चिन्ह छोड़कर भी चला गया। परन्तु अलीबाबा के भाई की पत्नी बहुत चालक थी, जो चिह्न सरदार ने इनके घर पर दिया था वही चिंह गांव के सभी घरों पर डाल दिया। जब सरदार आये तो फिर असमंजस में पड़ गया। उन्होंने पुनः उस दर्जी के सहारे आकर अपने दिमाग में मकान का चित्र बैठा लिया और बहुत दिनों के बाद व्यापारी बनकर उनके घर पर ठहरने की योजना बनाई। उनतालीस बड़ा सा डब्बा बनबाया। जिसमें अड़तीस चोरों को डब्बे में बिठा दिया और एक मे तेल डाल दिया। अलीबाबा के भाई की पत्नी ने तेल वाले डब्बे से तेल निकालकर आग में काफ़ी गर्म कर दिया और सब डब्बे में एक एक बाल्टी के करीब तेल डाल दिया। समय होने पर जब सरदार ने सिटी बजाई तो कुछ भी उत्तर नहीं मिलने पर जाकर देखा तो सब के सब मरा पड़ा था। वह चोरों का सरदार रात में ही भाग गया।

बहुत वर्षों के बाद अलीबाबा अपने पुत्र के लिए कपड़े का दुकान खुलवाया। उसी के पास सरदार ने एक शिशे की दुकान खुलवाया। दोनों में काफी दोस्ती हो गई। एक दिन की बात है कि सरदार अलीबाबा के पुत्र के साथ पधारे , बारे भाई की पत्नी (मोरजाना) ने प्रस्ताव रखा कि नए मेहमान को नृत्य कर दिखाने की। इस नृत्य का नाम था डोगर डांस। वह नृत्य करते समय सभी तो चाकू और छुरा दिखाते थे। नृत्य करते हुए उसने नए मेहमान यानी सरदार को छुरा मार दिया। माहौल काफी बिगड़ गया, फिर भी हिम्मत रख बताया कि जो नया मेहमान या अलीबाबा के बेटे का दोस्त बनकर आया था वो प्रपंची उसे मार डालना चाहता था। जब मोरजाना ने उसके नकली बाल और दाढ़ी हटाया तो वह चोरों का सरदार निकला। फिर मोरजाना ने अपने बेटे की शादी करवाकर चैन की सांस ली।

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